मौलाना कल्बे जवाद का बड़ा सवाल – अगर हज कमेटी में भ्रष्टाचार है, तो क्या सरकार इसे भी खत्म करेगी? कैबिनेट मंत्री किरन रिजिजू की सरपरस्ती में हाजियों से 50-50 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं।

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मौलाना कल्बे जवाद का बड़ा सवाल – अगर हज कमेटी में भ्रष्टाचार है, तो क्या सरकार इसे भी खत्म करेगी?

आगरा, 16 फरवरी – भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी आफ़ताबे शरीयत मौलाना डॉ. कल्बे जवाद नकवी ने हज कमेटी ऑफ इंडिया में हो रहे भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि कैबिनेट मंत्री किरन रिजिजू की सरपरस्ती में हाजियों से 50-50 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। अगर इसी आधार पर सरकार वक्फ बोर्ड को खत्म करने की योजना बना रही है, तो क्या हज कमेटी को भी समाप्त कर दिया जाएगा?

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मजार-ए-शहीद-ए-सालिस पर हुई ऐतिहासिक मजलिस

मौलाना कल्बे जवाद मजार-ए-शहीद-ए-सालिस, आगरा में आयोजित मजलिस को खिताब कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने जहूर-ए-इमाम-ए-ज़माना (अ.स) के बारे में विस्तार से बयान किया और वर्तमान दौर में इंसाफ की कमी, बढ़ते जुल्म और समाज में फैलते फसाद को इमाम-ए-ज़माना (अ.स) के ज़हूर से जोड़ते हुए इसकी अहमियत को समझाया।

इस मजलिस के दौरान, उन्होंने वक्फ संपत्तियों के मुद्दे पर सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े किए।

“अगर वक्फ में भ्रष्टाचार है, तो पुलिस, अदालत और राजस्व विभाग भी खत्म कर दिए जाएं”

मौलाना कल्बे जवाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर सरकार वक्फ में हुई अनियमितताओं को आधार बनाकर इसे खत्म करने की साजिश रच रही है, तो अदालतों, पुलिस और राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार को देखते हुए क्या ये विभाग भी खत्म कर दिए जाएंगे? उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या सिर्फ वक्फ बोर्ड ही भ्रष्टाचार से ग्रस्त है, जबकि अन्य सरकारी संस्थान पूरी तरह पाक-साफ हैं?

भारत में भी शियाओं के खिलाफ साजिश – मौलाना कल्बे जवाद

मौलाना कल्बे जवाद ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में शियाओं पर हो रहे अत्याचारों का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत में भी शियाओं के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए नई नीतियां बनाई जा रही हैं और शिया समुदाय के धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक अधिकारों को सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है।

सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियों में भ्रष्टाचार डीएम की निगरानी में – लखनऊ का हुसैनाबाद ट्रस्ट मिसाल

मौलाना ने यह भी कहा कि वक्फ संपत्तियों में सबसे अधिक घोटाले जिला प्रशासन की निगरानी में हुए हैं। उन्होंने लखनऊ के हुसैनाबाद ट्रस्ट को इसका सबसे बड़ा उदाहरण बताया। उन्होंने सरकार से मांग की कि अगर वक्फ बोर्ड की जांच हो रही है, तो डीएम के अधीन चलने वाले वक्फ संपत्तियों के घोटालों की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

हौजा और पीसीएस-जे कोचिंग सेंटर की स्थापना – आवाम से ली गई रज़ामंदी

इस ऐतिहासिक मजलिस के दौरान हौजा हज़रत क़ाज़ी नुरुल्लाह शुस्तरी शहीद-ए-सालिस और पीसीएस-जे कोचिंग सेंटर की स्थापना का ऐलान किया गया। मौलाना कल्बे जवाद ने भरी मजलिस में जनता से इसकी मंजूरी के लिए हाथ उठवाए, जो अब चर्चा का विषय बन चुका है। यह कोचिंग सेंटर न्यायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में मार्गदर्शन देगा।

डॉ. हादी हसन जाफरी के वाल्देन की बरसी के मौके पर आगरा पहुंचे थे मौलाना

यह पूरा कार्यक्रम डॉ. हादी हसन जाफरी के वालदेन  की बरसी के मौके पर आयोजित किया गया था। इस दौरान मौलाना ने न सिर्फ मजलिस को खिताब किया, बल्कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों को भी उठाया।

ईरान से आए प्रतिनिधि मंडल ने भी की मुलाकात

इस मौके पर ईरान से आए प्रतिनिधि मंडल ने मौलाना कल्बे जवाद से मुलाकात की और वक्फ संपत्तियों व मजलिसी गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की।

प्रमुख हस्तियां रहीं मौजूद

इस ऐतिहासिक मजलिस और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम शख्सियतें मौजूद रहीं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:

  • मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी
  • सेव वक्फ इंडिया मिशन के वाइस प्रेसिडेंट सैयद रिजवान मुस्तफा
  • इश्तियाक एडवोकेट
  • सिब्ते हसन जाफरी
  • महमूद जाफरी
  • साबिर अली
  • हाशिम रज़ा साहब
  • अकील हुसैन
  • मोहम्मद हुसैन जाफरी
  • सज्जाद जाफरी उर्फ़ सनी
  • मीसम, साबिक खादिम-ए-मजार कंबर साहब
  • मौलाना आरिफ
  • मौलाना शबाब हैदर
  • नौहाख्वान नैन साहब

मौलाना कल्बे जवाद नकवी के इस बयान ने वक्फ संपत्तियों, हज कमेटी और शियाओं के खिलाफ हो रही साजिशों को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका यह सवाल कि “अगर हज कमेटी में भ्रष्टाचार है, तो क्या सरकार इसे भी खत्म करेगी?” अब एक महत्वपूर्ण बहस का मुद्दा बन चुका है।

इस पूरी घटना ने वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, हज कमेटी में पारदर्शिता और सरकार की मंशा पर गंभीर प्रश्न चिह्न लगा दिए हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या वक्फ संपत्तियों और हज से जुड़े मामलों में कोई सकारात्मक सुधार देखने को मिलेगा।

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