कमिश्नर के आदेश को नगर निगम जोन 2 की अधिकारी करती है तौहीन, लोगों से की बदतमीजी, सुलतानुल मदारिस की बाउंड्री से मिलाकर खोमचे, रेहड़ी वालो से दुकान एलॉट के मामले ने पकड़ा तूल, आवाम में गुस्सा

तहलका टुडे टीम

लखनऊ के ऐतिहासिक सुलतानुल मदारिस मदरसा, जो मेडिकल कॉलेज के पास स्थित है, नगर निगम जोन 2 द्वारा मदरसे के पास अवैध दुकानों का अलॉटमेंट किया जाने लगा, जिससे मदरसे के जिम्मेदारों में गहरा रोष है। मदरसे की बाउंड्री वाल के पास दुकानों का एलाट करने से स्थिति तनावपूर्ण हो गई है, और इस मामले में जोन 2 की महिला अधिकारी से मदरसे के जिम्मेदारों से बदतमीजी भी की गई है। यह स्थिति शहरवासियों के लिए चिंता का कारण बन गई है, क्योंकि यह न केवल मदरसे की सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बन सकती है,यही नहीं मरीजों के तीमारदारों को लूटने के साथ बल्कि आसपास के इलाकों में भी असामाजिक तत्वों का इकट्ठा होना बढ़ सकता है।

प्रस्तावित दुकानों का स्थान हार्ट सेंटर और पास में स्थित एक गर्ल्स कॉलेज के पास है, जिससे शोहदों के इकट्ठा होने की संभावना बढ़ सकती है। यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से गंभीर खतरे का संकेत है। यह स्थिति न केवल सुलतानुल मदारिस की धार्मिक पवित्रता और ऐतिहासिक महत्व के लिए एक बड़ा संकट है, बल्कि आस-पास के अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा के लिए भी खतरे का कारण बन सकती है।

सुलतानुल मदारिस की सुरक्षा और संरक्षा पहले से ही अनदेखी का शिकार रही है। जहां एक ओर मदरसे के रख-रखाव की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा उपायों की कमी भी इस स्थिति को और गंभीर बना रही है। मदरसे में सीसीटीवी कैमरे का न होना और देर रात बाहरी लोगों का आना-जाना सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी समस्या बन चुकी है। यहां तक कि कुछ गैर-स्टूडेंट्स भी रात में मदरसे में ठहरते हैं, और दरवाजे खुले छोड़ दिए जाते हैं, जिससे न केवल मदरसे की पवित्रता बल्कि उसकी सुरक्षा भी खतरे में है।

मदरसे के जिम्मेदारों ने नगर निगम की महिला अधिकारी से अपनी शिकायतें भी दर्ज कराई हैं, लेकिन नगर निगम प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इसने लोगों के बीच गुस्से को और बढ़ा दिया है। स्थानीय जनता का मानना है कि यदि इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो स्थिति और बिगड़ सकती है। इलाके में रहने वाले लोगों का आरोप है कि नगर निगम द्वारा अवैध दुकानों का अलॉटमेंट केवल व्यापारिक लाभ के लिए किया जा रहा है, जबकि इस कदम से धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान पहुंच सकता है।

सुलतानुल मदारिस का ऐतिहासिक महत्व

सुलतानुल मदारिस, लखनऊ में स्थित एक प्रमुख शिया इस्लामी मदरसा है, जो उच्च धार्मिक शिक्षा के लिए समर्पित है। इसकी स्थापना 1892 में आयतुल्लाह सय्यद मुहम्मद अबुल हसन ने की थी। मदरसा फिकह, आयमानी और इस्लामी साहित्य के क्षेत्र में उन्नत पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इसे नवाब महदी हसन खान, अवध के एक प्रसिद्ध धर्मार्थकर्मी, के संरक्षण में विकसित किया गया था। मदरसा की नींव 1911 में रखी गई थी, और केंद्रीय हॉल का उद्घाटन उस समय के उत्तर प्रांत के उपराज्यपाल सर जॉन प्रेस्कॉट ह्वेट द्वारा किया गया था।

सुलतानुल मदारिस का इतिहास न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मदरसा समाज में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक बदलाव और सुधार का भी एक प्रतीक है। मदरसे की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

सुलतानुल मदारिस में उपलब्ध पाठ्यक्रम

  1. फिकह (जurisprudence) – शिया न्यायशास्त्र के अनुसार इस्लामी कानूनों और सिद्धांतों का अध्ययन।
  2. आक़ीदा (थियोलॉजी) – इस्लामी विश्वासों और शिया थियोलॉजी के प्रमुख सिद्धांतों का अध्ययन।
  3. इस्लामी साहित्य – शास्त्रीय और समकालीन इस्लामी ग्रंथों का अध्ययन।
  4. अरबी भाषा और व्याकरण – इस्लामी ग्रंथों की व्याख्या के लिए अरबी भाषा में दक्षता।
  5. कुरान अध्ययन – कुरान के तफ्सीर और ताजवीद पर आधारित अध्ययन।
  6. हदीस अध्ययन – पैगंबर मुहम्मद और इमामों के कथन और क्रियाओं का अध्ययन।
  7. तर्क और दर्शन – इस्लामी तर्कशास्त्र और दर्शनशास्त्र का अध्ययन।

सुलतानुल मदारिस का दृष्टिकोण
ऐसे विद्वानों की तलाश करता है जो ज्ञान, सहानुभूति और ईमानदारी से भरपूर हों, ताकि वे समाज में मार्गदर्शन और उन्नति प्रदान कर सकें। मदरसा अपनी शिक्षा पद्धति में हमेशा सुधार और विकास की दिशा में अग्रसर रहा है और इसके योगदान को समाज में हमेशा याद किया जाएगा।

सुलतानुल मदारिस का इतिहास और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसे सुरक्षित रखने और इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को इसका लाभ मिल सके। मदरसे का संरक्षण न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए प्रशासन को मदरसे की सुरक्षा और रख-रखाव को प्राथमिकता देने के साथ-साथ अवैध निर्माण और दुकानें अलॉट करने की प्रक्रिया को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।

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