वैश्विक औद्योगिक संगम: 52 देशों के प्रतिनिधियों और 600+ कंपनियों की भागीदारी भारतीय उद्योग जगत की सशक्त उपस्थिति: इंडियन इंडस्ट्रीज चैंबर ऑफ ट्रस्ट के वाइस प्रेसिडेंट रिज़वान मुस्तफा, अंबर ग्रुप कंपनीज के चेयरमैन वफा अब्बास और अंबर पैकेजर्स के डायरेक्टर फिदा अब्बास की विशेष सहभागिता

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भारत की आर्थिक प्रगति को नई गति देने के लिए प्रिंटिंग-पैकेजिंग इंडस्ट्री का महाकुंभ ग्रेटर नोएडा में आयोजित

तहलका टुडे टीम / कायम अब्बास

ग्रेटर नोएडा, 04 फरवरी 2025 – भारत की औद्योगिक प्रगति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के उद्देश्य से 16वां प्रिंटपैक इंडिया ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है। 01 फरवरी से प्रारंभ हुआ यह वैश्विक मेला 05 फरवरी को संपन्न होगा। तीन वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित इस मेगा इवेंट में 52 देशों के प्रतिनिधि और 600 से अधिक कंपनियां अपने अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकी नवाचारों का प्रदर्शन कर रही हैं।

इस प्रतिष्ठित आयोजन में इंडियन इंडस्ट्रीज चैंबर ऑफ ट्रस्ट के वाइस प्रेसिडेंट रिज़वान मुस्तफा, अंबर ग्रुप कंपनीज के चेयरमैन वफा अब्बास, और अंबर पैकेजर्स के डायरेक्टर फिदा अब्बास ने विशेष रूप से भाग लिया। उन्होंने प्रिंटिंग और पैकेजिंग इंडस्ट्री को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र रोजगार सृजन, निर्यात वृद्धि और औद्योगिक क्रांति को तेज गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

आधुनिक तकनीकों का भव्य प्रदर्शन

प्रिंटपैक इंडिया 2025 में इन-प्रेस, पोस्ट-प्रेस, फिनिशिंग, कन्वर्टिंग, डिजिटल और साइनेज, पैकेजिंग मशीनरी, प्रिंटिंग एवं पब्लिशिंग, कागज उत्पाद, लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट उद्योग से जुड़े अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकी नवाचारों का लाइव प्रदर्शन किया जा रहा है। यह आयोजन “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियान को मजबूती देने का एक ठोस कदम है, जिससे भारत की प्रिंटिंग और पैकेजिंग इंडस्ट्री को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की शक्ति मिलेगी।

आईपीएएमए की महत्वपूर्ण भूमिका

इस भव्य आयोजन का नेतृत्व भारतीय मुद्रण पैकेजिंग और संबद्ध मशीनरी निर्माता संघ (IPAMA) कर रहा है, जो 1988 से इस क्षेत्र में सक्रिय है। IPAMA, CII, FICCI, ASSOCHAM और FIEO जैसे शीर्ष औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर नीति निर्माण, भारत में निर्मित मशीनों के निर्यात को बढ़ावा देने और विदेशी आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कार्यरत है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और टाइपोग्राफी का बढ़ता प्रभाव

प्रिंटिंग और पैकेजिंग इंडस्ट्री में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रिंटपैक इंडिया 2025 में दो विशेष सेशंस ने उद्योग जगत का ध्यान आकर्षित किया –

  1. The Power of Fonts in Printing – इस सेशन में बहुभाषीय टाइपोग्राफी के महत्व पर चर्चा की गई, जिससे भारत की विविध भाषाओं में प्रिंटिंग और डिजाइनिंग की गुणवत्ता को उच्चतम स्तर तक ले जाया जा सके। वक्ताओं ने बताया कि फोंट केवल अक्षर नहीं होते, बल्कि वे संचार और रचनात्मकता के बीच की कड़ी होते हैं।
  2. AI Revolution in Print Technologies – इस सेशन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के औद्योगिक उपयोग और इसकी भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि AI कोई खतरा नहीं, बल्कि एक ऐसा उपकरण है जो दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित कर, रचनात्मकता और रणनीतिक सोच को बढ़ावा देता है।

भारत की आर्थिक ताकत को मजबूत कर रहा है यह उद्योग

रिज़वान मुस्तफा और वफा अब्बास ने इस अवसर पर कहा कि प्रिंटिंग और पैकेजिंग इंडस्ट्री भारतीय अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ बन चुकी है। यह उद्योग लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है, विदेशी मुद्रा अर्जित करता है, और भारत को एक वैश्विक औद्योगिक शक्ति के रूप में स्थापित करने की क्षमता रखता है।

उन्होंने स्टार्टअप्स और कंपनियों से मेड इन इंडिया टेक्नोलॉजी को अपनाने का आह्वान किया ताकि भारत वैश्विक स्तर पर प्रिंटिंग और पैकेजिंग का हब बन सके।

प्रिंटपैक इंडिया 2025 – औद्योगिक क्रांति का मील का पत्थर

यह आयोजन “नया भारत – आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इस मंच के माध्यम से भारत आधुनिक तकनीकों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नवाचारों को अपनाकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी अग्रणी भूमिका सुनिश्चित कर रहा है।

प्रिंटपैक इंडिया 2025 न केवल प्रिंटिंग और पैकेजिंग इंडस्ट्री के लिए, बल्कि संपूर्ण भारतीय औद्योगिक जगत के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे भारत की आर्थिक प्रगति को नई गति मिलेगी और देश औद्योगिक महाशक्ति बनने की दिशा में और तेज़ी से अग्रसर होगा।

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