ईरान की ताकत का अहसास: अरब लीग के शिखर सम्मेलन में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का जलवा बने हीरो,फिलिस्तीनी और लेबनानी आबादी के खिलाफ इजरायल द्वारा किए गए “नरसंहार” की किया जमकर निंदा,अंतरराष्ट्रीय कानून और शांति प्रयासों का बताया गंभीर उल्लंघन, इजरायल से तुरंत आक्रामकता को रोकने की किया अपील, आतंकवाद के संस्थापक अमेरिका इजराइल में हड़कंप

तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क

रियाद – सोमवार को रियाद में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) और अरब लीग का असाधारण शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ, जिसमें 50 से अधिक अरब और इस्लामी देशों के नेताओं ने भाग लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने प्रभावी नेतृत्व से ईरान और अरब देशों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करते हुए फिलिस्तीनी और लेबनानी जनता के समर्थन में कड़े बयान दिए।

इजरायल के खिलाफ मजबूत बयान
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इजरायल द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान में किए जा रहे “नरसंहार” की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून और शांति प्रयासों का गंभीर उल्लंघन करार दिया और इजरायल से तुरंत आक्रामकता रोकने की अपील की। उनके इस साहसिक कदम ने न केवल अरब और इस्लामी देशों के बीच उनकी छवि को मजबूत किया, बल्कि फिलिस्तीन और लेबनान के लिए एक प्रभावी आवाज के रूप में भी उन्हें स्थापित किया।

ईरान की भूमिका और सामूहिक प्रयासों में समर्थन
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियन के संदेश के बाद, ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मद रजा अरेफ ने सम्मेलन में ईरान का प्रतिनिधित्व किया। अरेफ ने अपने संबोधन में ईरान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि क्षेत्र में न्याय और शांति को बहाल करने के लिए सभी देशों को एकजुट होकर इजरायली आक्रामकता का विरोध करना चाहिए। ईरान ने फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय के अधिकार को बहाल करने के लिए जनमत संग्रह का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी इस्लामी राष्ट्रों ने महत्वपूर्ण कदम माना।

सऊदी क्राउन प्रिंस सलमान का नेतृत्व और शांति के प्रयास
मोहम्मद बिन सलमान ने अपने संबोधन में न केवल फिलिस्तीनी जनता के अधिकारों की रक्षा की अपील की बल्कि उन्होंने अरब और इस्लामी देशों को यह संदेश भी दिया कि क्षेत्र में शांति के लिए एकजुट होकर काम करना आवश्यक है। उन्होंने अरब लीग और OIC की बैठक में इजरायल के कदमों को “मानवता के खिलाफ अपराध” करार दिया। उनके इस साहसी दृष्टिकोण और नेतृत्व ने उन्हें शिखर सम्मेलन का हीरो बना दिया, जिसे सभी देशों ने सराहा।

अरब लीग महासचिव और अन्य नेताओं का समर्थन
अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल गैत और अन्य अरब और इस्लामी देशों के नेताओं ने भी सऊदी क्राउन प्रिंस का समर्थन करते हुए कहा कि इजरायल की कार्रवाइयाँ फिलिस्तीनी लोगों के लिए एक निरंतर उत्पीड़न हैं, और इससे स्थायी शांति को खतरा है। शिखर सम्मेलन में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगान और सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद ने भी इजरायल के कदमों की निंदा की, और पश्चिमी देशों की भूमिका पर सवाल उठाए।

फिलिस्तीनी अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता
सम्मेलन में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने भी अरब और इस्लामी देशों से एकजुट होकर फिलिस्तीन के समर्थन में खड़े होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को तुरंत लागू कर गाजा में इजरायली आक्रामकता को रोका जाए और मानवीय सहायता प्रदान की जाए।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए संदेश
शिखर सम्मेलन के अंतिम बयान में सभी देशों से इजरायल पर दबाव डालने की अपील की गई, ताकि गाजा और लेबनान में जारी संघर्ष को रोका जा सके और प्रभावित नागरिकों तक मानवीय सहायता पहुंचाई जा सके। ईरान और सऊदी अरब के सामूहिक प्रयासों ने सम्मेलन को एक नई दिशा दी, और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व ने उन्हें मुस्लिम दुनिया का एक नायक बना दिया।

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