आज़ाद हिंद फौज के कैप्टन अब्बास अली की 105वीं जयन्ती: समाजवाद के सच्चे नायक को श्रद्धांजलि

THlkaEDITR
2 Min Read

तहलका टुडे टीम

बाराबंकी। स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक और आज़ाद हिंद फौज के सिपाही कैप्टन अब्बास अली की 105वीं जयन्ती पर गांधी भवन में एक सभा आयोजित की गई। समाजवादी चिंतक और गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा ने सभा की अध्यक्षता करते हुए कैप्टन अब्बास अली की बहादुरी और समाजवादी विचारधारा पर अपने विचार व्यक्त किए।

राजनाथ शर्मा ने कहा कि कैप्टन अब्बास अली समाजवाद की जीती जागती मिसाल थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने साहसिक योगदान से इतिहास रचा। उनकी आत्मकथा “न रहूँ किसी का दस्तनिगर” उनके अदम्य साहस और समाजवादी विचारों का प्रतीक है। उन्होंने मुलतान के किले में बंदी रहते हुए भी देश की स्वतंत्रता की लड़ाई जारी रखी और जेल से रिहाई के बाद समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाया।

श्री शर्मा ने कैप्टन अब्बास अली के साथ अपने संस्मरण को साझा करते हुए बताया कि वे राममनोहर लोहिया के करीबी सहयोगी थे और समाजवादी आंदोलन को मजबूत करने में उनका अहम योगदान था।

इस अवसर पर कैप्टन अब्बास अली के बेटे कुर्बान अली की भी सराहना की गई, जो आज समाजवादी आंदोलन के इतिहास पर शोध कर रहे हैं। सभा में सुहैल अहमद किदवई, वासिक वारसी, मृत्युंजय शर्मा, विनय कुमार सिंह, राकेश शर्मा, ज्ञान सिंह यादव, हुमायूं नईम खान, पाटेश्वरी प्रसाद, उमेश श्रीवास्तव, शिवा शर्मा, अशोक जायसवाल, राजू सिंह, साकेत मौर्य, रंजय शर्मा, मनीष सिंह, मोहम्मद वसीक समेत कई समाजसेवी उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम ने कैप्टन अब्बास अली के योगदान को याद करते हुए उनके समाजवादी विचारों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया।

 

TAGGED: ,
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *