🧱 क्या अब शिक्षा देना और उद्योग चलाना गुनाह है? BBD ग्रुप पर कार्रवाई के बहाने वैश्य समाज पर बढ़ता उत्पीड़न!
प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उठता सवाल— क्या देश के शिक्षाविद और उद्यमी अब एजेंसियों के निशाने पर हैं?
लखनऊ, 7 जुलाई 2025 | सैयद रिज़वान मुस्तफ़ा
देश में जब शिक्षा, स्टार्टअप, और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को राष्ट्रीय गौरव से जोड़ा जा रहा है, उसी दौर में लखनऊ का प्रतिष्ठित BBD ग्रुप (बाबू बनारसी दास ग्रुप ऑफ एजुकेशन) इनकम टैक्स और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई की ज़द में है।
बीबीडी ग्रुप, जिसने पिछले दो दशकों में उत्तर भारत के सबसे बड़े प्राइवेट विश्वविद्यालयों और मेडिकल संस्थानों की नींव रखी, अब अपनी ही सफलता के बोझ तले दबता दिख रहा है।
🎓 BBD ग्रुप: सिर्फ एक संस्थान नहीं, एक आंदोलन
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. अखिलेश दास जी द्वारा स्थापित BBD ग्रुप आज देश के हजारों छात्रों के लिए आशा और अवसर का केंद्र है।
उनकी विरासत को उनकी धर्मपत्नी अलका दास और पुत्र विराज सागर दास आगे बढ़ा रहे हैं।
- हर साल BBD यूनिवर्सिटी से हज़ारों इंजीनियर, डॉक्टर, मैनेजर निकलकर देश-विदेश में सेवाएं दे रहे हैं।
- ग्रुप में 10,000+ स्टाफ और फैकल्टी, 50,000+ छात्र, और कई अस्पताल व रिसर्च सेंटर कार्यरत हैं।
लेकिन अब इस संस्थान के प्रमुखों पर बेनामी संपत्ति, कर चोरी, और अनियमितताओं के नाम पर जबरदस्त कार्रवाई हो रही है, जबकि कोई अदालती अपराध सिद्ध नहीं हुआ है।
⚖️ सवाल ये नहीं कि जांच हो रही है — सवाल ये है कि चयनित संस्थानों पर ही क्यों?
देश में ऐसे अनगिनत संस्थान हैं जो कागज़ी नामों पर डिग्रियाँ बेचते हैं, सरकारी ज़मीनों पर अवैध निर्माण करते हैं और रसूखदारों की छत्रछाया में फलते-फूलते हैं।
लेकिन कार्रवाई हो रही है—
- उन पर जो पारदर्शी ढंग से शिक्षा दे रहे हैं
- जो राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं
- और जो स्वावलंबन की मिसाल बने हुए हैं
💬 वैश्य समाज पर बढ़ता दबाव: क्या ये सामाजिक-आर्थिक उत्पीड़न नहीं?
इस मामले ने वैश्य समाज में भी गहरी चिंता पैदा की है।
वही समाज जिसने देश की व्यापारिक, औद्योगिक और सामाजिक रीढ़ को मज़बूत किया,
अब सरकारी एजेंसियों के निशाने पर दिख रहा है।
- सहारा ग्रुप के बाद
- BBD ग्रुप
- और दर्जनों बिल्डर व कारोबारी समूह
क्या यह महज संयोग है या सुनियोजित राजनीति?
🔊 राजनीतिक नेतृत्व से जवाबदेही की माँग
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी,
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह (जो स्वयं लखनऊ से सांसद हैं),
और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ,
तीनों का नेतृत्व राष्ट्रहित की कसौटी पर परखा जाता है।
ऐसे में यह सवाल ज़रूरी है—
क्या वैश्य समाज, शिक्षाविदों और उद्यमियों के सम्मान की रक्षा इस नेतृत्व की प्राथमिकता है या नहीं?
📢 BBD ग्रुप के समर्थन में उठी आवाजें
- छात्र संगठनों, पूर्व छात्रों और शिक्षकों ने BBD के पक्ष में सोशल मीडिया अभियान शुरू किया है:
#JusticeForBBD, #SupportAlkaDas, #StandWithVirajSagar - कई व्यापारिक संगठनों और वैश्य महासभाओं ने इसे सामूहिक उत्पीड़न करार दिया है।
शिक्षा, सेवा और राष्ट्र निर्माण की राह पर चलने वाले संस्थानों को अगर शक के घेरे में डाला जाएगा,
तो “नया भारत” सिर्फ़ नारों का देश बनकर रह जाएगा।
BBD ग्रुप पर हो रही कार्रवाई पर पुनर्विचार ज़रूरी है — ताकि देश की प्रतिभा, परिश्रम और पवित्र उद्देश्य को राजनीतिक या तंत्रगत साजिश का शिकार न होना पड़े।