“RTI Commissioner Mohd Nadeem Targeted by Amitabh-Nutan Thakur Duo: Truth Under Attack, Public Stands with Honest Soochna Ayukt”

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“असत्य के तूफ़ान में सच्चाई की चट्टान हैं मोहम्मद नदीम”

✒️ रिपोर्ट:सैयद रिज़वान मुस्तफा

लखनऊ:जब कोई व्यक्ति अपनी ज़िंदगी की सीढ़ियां मेहनत, सच्चाई और खिदमत-ए-खल्क़ से चढ़ता है, तो उसे गिराने वालों की कमी नहीं होती। लेकिन सच ये है कि वक्त हमेशा इंसाफ करता है, और आज हम उसी इंसाफ की उम्मीद में ईमानदार सूचना आयुक्त मोहम्मद नदीम के साथ खड़े हैं—जिन पर एक साज़िश के तहत मानहानि का सिविल वाद दायर किया गया है।

🏛️ छात्र नेता से सूचना आयुक्त तक का सफ़र: एक मिसाल

नदीम साहब का सफर केवल कलम का नहीं, कर्म का है। लखनऊ यूनिवर्सिटी के दिनों में वे छात्र राजनीति में एक बेहद मुखर, जनप्रिय और समझदार नेता के रूप में जाने जाते थे। तब से लेकर आज तक उन्होंने हमेशा समाज के कमजोर, बेसहारा और दबे-कुचले तबकों के हक में आवाज़ बुलंद की।

उनकी छात्र राजनीति किसी गुटबाज़ी या स्वार्थ की नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और जनहित के संघर्ष की राजनीति थी।

🖋️ NBT जैसे राष्ट्रीय अखबार में संपादक बनने वाला वह पत्रकार

पत्रकारिता में नदीम भाई ने वो मुकाम हासिल किया जहाँ शब्द हथियार नहीं, इनसाफ़ की आवाज़ बन जाते हैं। NBT (नवभारत टाइम्स) जैसे प्रतिष्ठित अखबार में संपादक बनना और निष्पक्षता को अंतिम साँस तक निभाना—ये दिखाता है कि उनकी कलम कभी बिकाऊ नहीं रही।

👨‍⚖️ एक ऐसा सूचना आयुक्त जो सिर्फ कुर्सी नहीं, जिम्मेदारी निभाता है

जब वे सूचना आयुक्त बने, तो यह पद उनके लिए शान नहीं, सेवा था। उन्होंने आरटीआई को केवल कानूनी अधिकार नहीं, बल्कि आम आदमी का हथियार माना। हज़ारों फ़ैसलों में उन्होंने पीड़ितों को राहत दी, पारदर्शिता को बढ़ावा दिया और अफसरशाही के बंद दरवाज़ों को खोलने का काम किया।

💔 तोहमतें उन्हीं पर लगती हैं जिनमें ताक़त होती है

आज जब कुछ सत्तालोलुप, विफल राजनेता उनकी ईमानदारी को निशाना बना रहे हैं, तो सवाल ये नहीं कि उन्होंने क्या कहा—बल्कि सवाल ये है कि उन्हें क्यों निशाना बनाया जा रहा है?

पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी विवादप्रिय प्रवक्ता पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर — जिनकी जोड़ी अब “चिरहंदा श्री” के रूप में पहचान बना चुकी है — उन्होंने सूचना आयुक्त नदीम पर वाद दायर कर सिर्फ न्यायपालिका का नहीं, बल्कि समाज की समझदारी का भी अपमान किया है।

कानून का सहारा लेने से पहले सोशल मीडिया पर बयानबाज़ी करना, लोगों को गुमराह करना और एक ईमानदार अफसर को घेरने की कोशिश करना – ये उस भीतर छिपी नाकामी और ईर्ष्या का परिचय है, जो अब शब्दों से टपकने लगी है।

🌟 नदीम भाई की इंसानियत: शब्दों में नहीं, लोगों की दुआओं में बसती है

बाराबंकी के सुबेहा जैसे छोटे से गांव से निकल कर राजधानी लखनऊ और फिर सूचना आयुक्त तक का सफर कोई आसान नहीं। लेकिन मोहम्मद नदीम ने कभी झूठ, भ्रष्टाचार या पक्षपात से समझौता नहीं किया।

वह बीमार पड़ोसी की दवा का इंतज़ाम करने वाले, किसी गरीब छात्र की फीस भरवाने वाले, और अनजान फरियादी को भी समय देने वाले इंसान हैं।

उनकी मुस्कराहट में नर्मी है, बातों में तहज़ीब और फैसलों में इंसाफ। यही कारण है कि आज जब उन पर हमला हुआ है, तो हज़ारों लोग सोशल मीडिया से लेकर अदालत के बाहर तक उनके साथ खड़े हैं।


🔥 नदीम भाई, आप सिर उठाकर चलिए — हम सब आपके साथ हैं

आपके खिलाफ जो कुछ भी हो रहा है, वह एक साज़िश है — और सच्चाई पर साज़िश कभी भारी नहीं पड़ सकती।

आप वह आईना हैं जिसमें हर भ्रष्ट ताक़त अपना कुरूप चेहरा देखकर डरती है।

अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर की “चिरहंदा श्री” जोड़ी, एक ईमानदार को नहीं हरा सकती।
उनकी हर चाल नाकाम होगी — और सच्चाई सर उठाकर खड़ी रहेगी।


“ईमानदार  अकेला नहीं होता, उसके पीछे पूरा समाज खड़ा होता है।”

 

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