बाराबंकी: तहसील और कलेक्ट्रेट में भू माफियाओं, दलालों, बदमाशों और फर्जी बाबुओं पर प्रशासन सख्त, पुलिस की कड़ी निगरानी,
ज्ञान सिंह एडवोकेट का गंभीर आरोप तहसील नवाबगंज में भ्रष्टाचार का बोलबाला
तहलका टुडे टीम
बाराबंकी, 21 दिसंबर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को पामाल करने में लगे तहसील और कलेक्ट्रेट में फैले भ्रष्टाचार, दलालों और नकली बाबुओं के नेटवर्क पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हाल ही में एंटीकरप्शन टीम और शिकायतकर्ता पर हुए हमले के बाद प्रशासन और पुलिस ने मिलकर ऐसे अराजकतत्वों और उनके शरणदाताओं पर कड़ी कार्रवाई का फैसला किया है। आज सुबह तहसील परिसर में माहौल काफी बदला हुआ नजर आया।
अराजकतत्वों पर सादी वर्दी पुलिस और खुफिस एजेंसी की कड़ी नजर
एंटीकरप्शन टीम पर हमला करने वाले बदमाशों और शिकायतकर्ता को धमकाने वालों को पुलिस किसी भी कीमत पर बख्शने के मूड में नहीं है।
सख्त कार्रवाई: सूत्रो के मुताबिक अराजकतत्वों और उनके समर्थकों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लेने की प्रक्रिया की जाएंगी।
निगरानी बढ़ाई गई: तहसील और कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। हर आने-जाने वाले पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
फर्जी चपरासी और नकली बाबुओं का तहसील से होगा सफाया
आज सुबह तहसील परिसर में बदला हुआ माहौल देखने को मिला। जिन फर्जी चपरासियों, नकली बाबुओं और मुंशियों ने अब तक लेखपालों और अधिकारियों की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया था, वे अचानक गायब हो गए है।
फर्जीवाड़े का पर्दाफाश: लेखपालों और अधिकारियों के पास तैनात ऐसे फर्जी कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है।
प्रशासन का कड़ा संदेश: जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को तहसील परिसर में अनुमति नहीं दी जाएगी।
दलालों और बदमाशों पर शिकंजा
तहसील परिसर में सक्रिय दलालों और अपराधियों का नेटवर्क लंबे समय से भूमि विवादों और रिश्वतखोरी को बढ़ावा दे रहा था।
जांच और कार्रवाई: पुलिस और प्रशासन ने ऐसे लोगों की सूची तैयार की है और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
डर का माहौल: प्रशासन की सख्ती के चलते आज सुबह से ही ऐसे दलाल और अराजकतत्व तहसील परिसर से नदारद दिखे।
तहसील का बदला हुआ माहौल
आज सुबह तहसील परिसर में माहौल पूरी तरह से बदला हुआ नजर आया।
1. पुलिस की तैनाती: जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात थे और आने-जाने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ की जा रही थी।
2. शिकायत काउंटर सक्रिय: प्रशासन ने शिकायत काउंटर को सक्रिय किया है, जहां पीड़ित अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
3. डर और खौफ: फर्जी बाबुओं और दलालों के गायब होने से आम नागरिकों में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है।
एंटीकरप्शन टीम पर हमले के दोषियों की तलाश जारी
हाल ही में एंटीकरप्शन टीम और शिकायतकर्ता पर हुए हमले के बाद पुलिस ने दोषियों की तलाश तेज कर दी है।
सीसीटीवी फुटेज की जांच: घटना स्थल से सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, जिससे दोषियों की पहचान की जा सके।
तीन अलग-अलग तहरीरें थी : पुलिस ने एंटीकरप्शन टीम, शिकायतकर्ता और महिला लेखपाल की तहरीरों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्रशासन का संदेश: भ्रष्टाचार और अराजकता नहीं होगी बर्दाश्त
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार और अराजकता को सहन नहीं किया जाएगा।
नए नियम लागू: सूत्रों के मुताबिक तहसील परिसर में फर्जी कर्मचारियों और अराजकतत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सख्त नियम लागू किए जा रहे हैं।
तहसील नवाबगंज में भ्रष्टाचार का बोलबाला: ज्ञान सिंह एडवोकेट का गंभीर आरोप
वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान सिंह एडवोकेट ने बाराबंकी अधिवक्ता समूह पर एक पोस्ट पिछले दिनों डालकर तहसील में व्याप्त अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट आदेश के बावजूद तहसील में बाहरी लोग खुलेआम काम कर रहे हैं।
प्राइवेट ऑफिस से संचालित हो रहा भ्रष्टाचार
ज्ञान सिंह का कहना है कि तहसील परिसर में सड़क किनारे प्राइवेट ऑफिस बनाकर वहां पत्रावलियों में अवैध वसूली की जा रही है। अधिकारियों के शह पर इस प्रकार की गतिविधियां संचालित हो रही हैं, जहां बिना पैसे दिए कोई भी आदेश जारी नहीं किया जाता।
शिकायत का भी नहीं हो रहा समाधान
ज्ञान सिंह के अनुसार, जब शिकायत की जाती है तो अधिकारियों का रवैया बेहद लापरवाह होता है। वे पर्ची लिखने का सुझाव देते हैं और दावा करते हैं कि पत्रावली निकालकर आदेश जारी कर देंगे। लेकिन बाद में न तो पर्ची का कोई पता चलता है और न ही फाइल का।
अधिवक्ता समूह की मांग: जिला बार को लेना चाहिए संज्ञान
ज्ञान सिंह एडवोकेट ने जिला बार से अपील की है कि इस गंभीर समस्या का संज्ञान लेकर तत्काल कार्यवाही की जाए। तहसील में इस प्रकार का भ्रष्टाचार न्यायिक प्रक्रिया पर गहरा आघात पहुंचा रहा है और इसे जड़ से समाप्त करना अनिवार्य है।
इस भ्रष्टाचार की जड़ों में भू माफियाओं और वक्फ माफियाओं का संगठित रैकेट शामिल है, जिन्हें नकली बाबुओं का सक्रिय सहयोग प्राप्त है। ये माफिया न केवल सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं, बल्कि वक्फ संपत्तियों को भी अवैध रूप से हड़प रहे हैं।
तहसील नवाबगंज में भ्रष्टाचार केवल न्यायिक प्रणाली की गरिमा को ही नहीं, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी चोट पहुंचाया जा रहा था। भू माफियाओं, वक्फ माफियाओं और नकली बाबुओं का यह गठजोड़ प्रशासनिक तंत्र को कमजोर कर रहा है।
तहसील और कलेक्ट्रेट में प्रशासन की सख्ती और पुलिस की सक्रियता से भ्रष्टाचार और अराजकता पर काबू पाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया जा सकता है। यह देखना अब बाकी है कि प्रशासन इन सुधारों को कितनी मजबूती से लागू कर पाता है। जनता को भी इस प्रयास में सहयोग देना होगा ताकि बाराबंकी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जा सके