तहलका टुडे टीम /समर मेहदी
लखनऊ, 21 फरवरी 2025: लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित और संवारने के प्रयास में अंबर फाउंडेशन के चेयरमैन वफा अब्बास की कोशिशें अब रंग लाने लगी हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जो लखनऊ से सांसद भी हैं, उनके विशेष कार्याधिकारी के. पी. सिंह द्वारा संस्कृति और पर्यटन मंत्री, भारत सरकार को भेजे गए पत्र ने इस दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। पत्र में लखनऊ के काज़मैन के रोज़े के साथ-साथ शहर की अन्य ऐतिहासिक धरोहरों जैसे छोटा इमामबाड़ा, हुसैनाबाद के दोनों गेट, गार वाली करबला, और हजरतगंज स्थित शाह नजफ इमामबाड़े के सौंदर्यीकरण और मरम्मत की अनुशंसा की गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पहल से ऐतिहासिक स्थलों को मिलेगा नया जीवन
लखनऊ, जो अपनी नवाबी तहजीब और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए मशहूर है, वहां की विरासत को संरक्षित करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विशेष रुचि दिखाई है। उनकी पहल से अब इन ऐतिहासिक स्थलों को नई पहचान मिलेगी और लखनऊ के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
वफा अब्बास की कोशिशों का असर
सेव वक्फ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट सैयद रिज़वान मुस्तफ़ा के जागरूकता से अंबर फाउंडेशन के चेयरमैन वफा अब्बास पिछले काफी समय से लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहरों के जीर्णोद्धार और उनके संरक्षण की मांग कर रहे थे। उनकी लगातार की गई अपील और जमीनी स्तर पर किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप, रक्षा मंत्री के निर्देश पर यह महत्वपूर्ण पत्र जारी किया गया। इस पत्र में इन ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण, सौंदर्यीकरण, पर्यटन विकास और वहां की बुनियादी सुविधाओं में सुधार की सिफारिश की गई है।
क्या कहा गया है पत्र में?
रक्षा मंत्री के विशेष कार्याधिकारी द्वारा भेजे गए इस पत्र (संख्या 164/र.मं./वि.का.अधि./2025) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वफा अब्बास द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से लिया गया है और इन्हें संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय द्वारा संज्ञान में लिया जाना चाहिए। खासतौर पर काज़मैन, शाह नजफ, छोटा इमामबाड़ा, गार वाली करबला और अन्य स्थलों की दशा सुधरेगी, साथ ही लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण की जरूरत पर बल दिया गया है। इस पत्र के बाद उम्मीद की जा रही है कि लखनऊ के इन ऐतिहासिक स्थलों का सौंदर्यीकरण और मरम्मत जल्द ही शुरू किया जाएगा।
लखनऊ के गौरवशाली इतिहास को मिलेगा सम्मान
लखनऊ न केवल उत्तर प्रदेश की राजधानी है, बल्कि यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का केंद्र भी है। छोटा इमामबाड़ा, बड़ा इमामबाड़ा, रूमी दरवाजा और शाह नजफ जैसे स्थलों का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी है। इन धरोहरों के संरक्षण से लखनऊ की पहचान को और मजबूती मिलेगी।
शिया समुदाय में खुशी की लहर
रक्षा मंत्री के पत्र के आने से शिया समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है। अब उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इस निर्देश को जल्द लागू करेगा और इन धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण मरम्मत का कार्य तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा। यह न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि लखनऊ के पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को भी समृद्ध करेगा।
वफा अब्बास ने जताया आभार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस ऐतिहासिक कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए वफा अब्बास ने कहा, “यह हमारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की जीत है। हमारा उद्देश्य लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करना और उन्हें एक आदर्श धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। अब जिलाधिकारी और हुसैनाबाद ट्रस्ट को इस निर्देश पर त्वरित अमल करना चाहिए।”
अब प्रशासन की जिम्मेदारी
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि लखनऊ जिला प्रशासन और हुसैनाबाद ट्रस्ट इस निर्देश को कितनी गंभीरता से लेते हैं और कब तक इस पर अमल किया जाता है। आने वाले दिनों में प्रशासन के कदम यह तय करेंगे कि क्या लखनऊ की इन ऐतिहासिक धरोहरों को अब एक आदर्श स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा?
लेकिन इतना तय है कि वफा अब्बास की मेहनत और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पहल से अब यह मुकाम लावारिस नहीं रहेगा और आने वाले समय में इन स्थलों की ऐतिहासिक गरिमा को बहाल किया जाएगा।