यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिला नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी, हाईकोर्ट ने जीशान रिजवी की नियुक्ति का दिया आदेश

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तहलका टुडे टीम/मोहम्मद वसीक

लखनऊ: यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड को लंबे समय बाद एक स्थायी मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मिल गया है। हाईकोर्ट ने अनुभवी और ईमानदार अधिकारी जीशान रिजवी की नियुक्ति का आदेश जारी किया है। वे पहले भी इस महत्वपूर्ण पद पर कार्य कर चुके हैं और उनकी प्रशासनिक दक्षता को देखते हुए कोर्ट ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

लंबे समय से अटकी थीं वक्फ बोर्ड की अहम कार्यवाहियां

बोर्ड में स्थायी सीईओ की गैरमौजूदगी के कारण वक्फ संपत्तियों से संबंधित कई महत्वपूर्ण कार्य अटके हुए थे, खासकर धारा 52 और 54 के तहत होने वाली कार्यवाहियां। वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण और अनियमितताओं को रोकने के लिए ये धाराएं बेहद अहम हैं, लेकिन सीईओ के अभाव में इन पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।

इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने अस्थायी रूप से अजीज अहमद को सीईओ का चार्ज सौंपा था, लेकिन उनके पास पहले से ही सचिवालय और सुन्नी वक्फ बोर्ड की सीईओ की जिम्मेदारी थी, जिससे वे शिया वक्फ बोर्ड के कार्यों को पूरी तरह संचालित नहीं कर पा रहे थे। इसके चलते बोर्ड के प्रशासनिक कार्य ठप पड़ गए थे, शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पा रहा था और हितधारकों में निराशा बढ़ रही थी।

हाईकोर्ट का सख्त रुख, 10 दिनों में सरकार से रिपोर्ट तलब

बोर्ड के कार्यों में हो रही देरी और शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने जीशान रिजवी की नियुक्ति का आदेश जारी किया और सरकार को 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश भी दिया।

हाईकोर्ट के इस फैसले का वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों और हितधारकों ने स्वागत किया है। वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर जीशान रिजवी की सख्त कार्यशैली जानी जाती है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि अब लंबित मामलों का जल्द निस्तारण होगा और वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में तेजी आएगी।

समुदाय और हितधारकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया

इस फैसले पर ‘सेव वक्फ इंडिया ‘ के वाइस प्रेसिडेंट सैयद रिज़वान मुस्तफा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “हाईकोर्ट का यह निर्णय वक्फ संपत्तियों की रक्षा और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है। 

उम्मीदें और भविष्य की राह

जीशान रिजवी की नियुक्ति के बाद अब बोर्ड के कार्यों में नई ऊर्जा और गति आने की संभावना है। लंबित मामलों का समाधान, वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में यह निर्णय एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि उनकी अगुवाई में वक्फ बोर्ड किस तरह अपनी कार्यप्रणाली को सशक्त और प्रभावी बनाता है।

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