तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली/लखनऊ।ईरान पर हालिया हमले और वेस्ट एशिया में बढ़ते तनाव के बीच भारत में तैनात इज़राइली राजदूत रेउवेन अज़ार द्वारा ANI पॉडकास्ट में दिया गया भड़काऊ बयान गंभीर विवाद का कारण बन गया है। उन्होंने “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” को सही ठहराते हुए ईरान, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया पर न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल बनाने का आरोप लगाया और तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी तक दे डाली।
इस बयान को भारत की विदेश नीति, शांति और गुटनिरपेक्ष भूमिका पर सीधा हमला मानते हुए प्रेस फाउंडेशन ट्रस्ट के राष्ट्रीय सचिव सैयद रिजवान मुस्तफा ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), विदेश मंत्रालय के साथ-साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भी पत्र लिखकर सख्त आपत्ति दर्ज कराई है।
उन्होंने इज़राइली राजदूत को “खतरनाक डिप्लोमैट” करार देते हुए भारत से निष्कासन की मांग की है और ANI द्वारा बनाए गए उस पॉडकास्ट एपिसोड को तत्काल रोकने की अपील की है, जो देश की आंतरिक शांति और कूटनीतिक संतुलन को खतरे में डाल सकता है।
सैयद रिजवान मुस्तफा ने कहा:
“भारत न युद्ध का केंद्र है, न किसी सैन्य गठबंधन का हिस्सा। इज़राइली राजदूत का यह बयान भारत की ज़मीन पर बैठकर तीसरे विश्व युद्ध जैसी बातें फैलाने का प्रयास है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सूचना मंत्रालय को चाहिए कि इस एपिसोड का प्रसारण रोके और ANI से जवाब मांगे।”
इस मांग के बाद देश के राजनयिक और मीडिया हलकों में हड़कंप मच गया है। सोशल मीडिया पर भी यह बहस तेज़ हो गई है कि क्या विदेशी राजदूत भारत की ज़मीन पर बैठकर भड़काऊ एजेंडा चला सकते हैं?
अब सभी की निगाहें सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। क्या भारत सरकार इज़राइली दूतावास को तलब करेगी? क्या ANI पॉडकास्ट का विवादित एपिसोड रोका जाएगा?
यह मुद्दा अब सिर्फ कूटनीति नहीं, भारत की गरिमा और संप्रभुता से जुड़ चुका है।