प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान मौलाना ओवैस नगरामी नदवी रह. के सुपुत्र मोहम्मद आरिफ नगरामी का निधन, धार्मिक और पत्रकारिता जगत में शोक की लहर
इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन
तहलका टुडे टीम
लखनऊ: प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान, पूर्व शेख़ुत्तफसीर नदवतुल उलेमा हज़रत मौलाना ओवैस नगरामी नदवी रहमतुल्लाह अलैह के सुपुत्र मोहम्मद आरिफ नगरामी का इंतिक़ाल हो गया। उनके निधन की खबर से न सिर्फ उनका परिवार, बल्कि पूरे धार्मिक, अकादमिक और पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
मोहम्मद आरिफ नगरामी: सादगी और विनम्रता की मिसाल
मोहम्मद आरिफ नगरामी एक सादा मिज़ाज, नेकदिल और धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। उनका जीवन सादगी, विनम्रता और समाज सेवा की मिसाल था। वे हमेशा अपने सहयोगियों और मित्रों के साथ सहज और आत्मीयता भरा व्यवहार करते थे। उनकी पत्रकारिता में ईमानदारी और निष्पक्षता का विशेष स्थान था।
तदफ़ीन
उनकी नमाज़े जनाज़ा आज नमाज़े ज़ुहर के बाद नदवतुल उलेमा में अदा की जाएगी और तदफ़ीन ऐशबाग़ क़ब्रिस्तान में होगी। बड़ी संख्या में उलेमा, पत्रकार, समाजसेवी और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग उनके अंतिम दर्शन और जनाजे की नमाज़ में शिरकत कर उन्हें सुपुर्द खाक करेंगे
पत्रकारिता और समाजसेवा में अहम योगदान
मोहम्मद आरिफ नगरामी की शख्सियत को पत्रकारिता जगत में विशेष सम्मान प्राप्त था। कई अखबारों में संपादक रहे उबैदुल्लाह नासिर ने उनकी निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा, “आरिफ भाई, आप भी अल्लाह को प्यारे हो गए। एक निहायत नेकदिल, शरीफ और मिलनसार सहाफी साथी हमें छोड़कर चले गए। अल्लाह उनकी मगफिरत फरमाए।”
शोक संवेदनाएं: नगराम ऑर्गेनाइजेशन, तहलका टुडे और अंबर फाउंडेशन के प्रमुखों ने जताया दुख
नगराम ऑर्गेनाइज़ेशन के प्रेसिडेंट और तहलका टुडे के एडिटर सैयद रिजवान मुस्तफा ने उनके इंतिक़ाल पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “मोहम्मद आरिफ नगरामी साहब एक आदर्श व्यक्तित्व थे, जिन्होंने हमेशा समाज की बेहतरी के लिए कार्य किया। उनका निधन एक बड़ी क्षति है, जिसे भर पाना मुश्किल है।”
अंबर फाउंडेशन के चेयरमैन वफा अब्बास ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “आरिफ नगरामी साहब एक नेकदिल इंसान थे। उनका जाना न सिर्फ उनके परिवार बल्कि समाज के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। अल्लाह उन्हें जन्नतुल फिरदौस में आला मुक़ाम अता फरमाए और परिवार को इस दुख को सहने की ताकत दे।”
मगफिरत की दुआएं और श्रद्धांजलि
उनके निधन पर समाज के विभिन्न तबकों से जुड़े लोग शोक संतप्त हैं और हर किसी की जुबां पर यही दुआ है:
“अल्लाह तआला मरहूम की मग़फिरत फरमाए, उनके दरजात बुलंद करे और जन्नतुल फिरदौस में आला मुक़ाम अता करे। आमीन!”