भारत की मिट्टी में बसी मोहब्बत: श्री राम जन्मभूमि अयोध्या संसदीय क्षेत्र के दरियाबाद ग्राम जरौली में पं. मुनेश्वर दत्त मिश्रा का 25 वर्षों से रोजा इफ्तार का सिलसिला बरकरार,गोप ने पहुंचकर की हौसला अफज़ाई

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तहलका टुडे टीम

अयोध्या (दरियाबाद)भारत की असली पहचान उसकी गंगा-जमुनी तहज़ीब और इंसानियत है। यही पैग़ाम देता है श्री राम जन्मभूमि अयोध्या संसदीय क्षेत्र के दरियाबाद विधानसभा के ग्राम जरौली का वो ऐतिहासिक मंजर, जहां पूर्व प्रधान पं. मुनेश्वर दत्त मिश्रा उर्फ मुन्ना मिश्रा बीते 25 वर्षों से रमज़ान के पवित्र महीने में रोजा इफ्तार का आयोजन कर रहे हैं। यह सिलसिला सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि एकता, भाईचारे और इंसानियत की शानदार मिसाल बन चुका है।

🤝 सियासी और सामाजिक हस्तियों ने दिया एकता का पैग़ाम

इस साल के इफ्तार कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अरविंद कुमार सिंह गोप ने शिरकत की। उनके साथ पूर्व सांसद रामसागर रावत, पूर्व चेयरमैन धीरेन्द्र कुमार वर्मा, पूर्व प्रधान अकील अहमद, और समाजसेवी हशमत अली गुड्डू ने भी इस आयोजन में शामिल होकर सांप्रदायिक सौहार्द का खूबसूरत संदेश दिया।

गोप का पैग़ाम: मोहब्बत में ही हिंदुस्तान की जीत

इफ्तार में शिरकत करते हुए पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप ने कहा:

“जरौली का यह इफ्तार सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि पूरे देश को यह पैग़ाम देता है कि मज़हब नहीं, इंसानियत सबसे बड़ी है। जब तक हम मोहब्बत के इस रास्ते पर चलेंगे, तब तक कोई ताकत हमें बांट नहीं सकेगी।”

“भारत की मिट्टी में बसी मोहब्बत की महक है, जिसे कोई साजिश या नफरत मिटा नहीं सकती। यह आयोजन यह बताता है कि हमारा मुल्क सिर्फ मज़हब से नहीं, बल्कि इंसानियत और मोहब्बत से चलता है।”

🌙 अमन और भाईचारे की दुआओं में उठा हर हाथ

रमज़ान के मुकद्दस महीने में इफ्तार से पहले रोज़ेदारों ने अल्लाह के दर पर अमन, चैन और भारत की तरक्की के लिए दुआ मांगी।

  • गांव के मुस्लिम भाइयों ने अल्लाह से हिंदुस्तान की सलामती, भाईचारे और तरक्की की फरियाद की।
  • इफ्तार के वक्त हर चेहरे पर मोहब्बत, अपनापन और इंसानियत की रौशनी थी।
  • मज़हब के दायरे से परे यह आयोजन एकता और भाईचारे का खूबसूरत आईना बना।

🌿 पं. मुनेश्वर दत्त मिश्रा: मोहब्बत के अलंबरदार

पं. मुनेश्वर दत्त मिश्रा का यह जज़्बा नफरतों के खिलाफ मोहब्बत की सबसे बड़ी जीत है। उनका कहना है:

“रोज़ा हो या नवरात्र, ईद हो या दीवाली – हम सब मिलकर मनाते हैं, यही हिंदुस्तान की रूह है।”

उनकी सोच इस बात का सबूत है कि भारत की ताकत उसकी विविधता और एकता में है, जिसे कोई ताकत नहीं तोड़ सकती।

💫 जरौली का इफ्तार – एकता का प्रतीक

जरौली का यह इफ्तार उन तमाम लोगों के लिए एक सबक है, जो मज़हब के नाम पर नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। यह आयोजन बताता है कि भारत का असली चेहरा इंसानियत, मोहब्बत और भाईचारा है, जिसे कोई साजिश तोड़ नहीं सकती।

🌷 भारत की मिट्टी में मोहब्बत की खुशबू

पं. मुनेश्वर दत्त मिश्रा के घर पर होने वाला यह इफ्तार सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक परंपरा है, जो सद्भाव, इंसानियत और भाईचारे का प्रतीक बन गया है। यह साबित करता है कि भारत मज़हब की दीवारों से बड़ा है, यहां दिल मिलते हैं, मज़हब नहीं टकराते।

👉 यह इफ्तार पूरे हिंदुस्तान को यह पैग़ाम देकर गया कि भारत की रूह में सिर्फ मोहब्बत बसती है – और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है। 🌷

इसको अच्छी सी खबर बना दे

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