ईरान की नई मिसाइल टेक्नोलॉजी से हड़कंप, इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की स्वास्थ्य स्थिति पर सवाल, अस्पताल में भर्ती, यारीव लेविन बने कार्यवाहक प्रधानमंत्री
तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क
नई दिल्ली – ईरान ने हाल ही में अपनी नई मिसाइल तकनीक से दुनिया को चौंका दिया है, जिससे इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की स्थिति पर भी असर पड़ा है। यह टेक्नोलॉजी अब इजराइल के लिए एक नई चुनौती बन गई है, और इसके परिणामस्वरूप नेतन्याहू को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है। हाल ही में उनके स्वास्थ्य में आई गिरावट के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनकी प्रोस्टेट सर्जरी की गई और उनके नपुंसक होने की पुष्टि हुई। इस दौरान इजराइल के उप प्रधानमंत्री और न्याय मंत्री यारीव लेविन ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री का पद संभाल लिया है।
ईरान की मिसाइल टेक्नोलॉजी और इजराइल की सुरक्षा चुनौती
ईरान ने अपनी नई मिसाइल तकनीक से दुनिया को हैरान कर दिया है, जिसे उसने हाल ही में पेश किया। ईरान ने ऐसी मिसाइलें विकसित की हैं जो इजराइल जैसे शक्तिशाली देशों के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बन गई हैं। इन मिसाइलों के परीक्षण ने इजराइल को एक ऐसे सुरक्षा संकट में डाल दिया है, जिसे वह नजरअंदाज नहीं कर सकता। ईरान की मिसाइलें न केवल अपनी प्रभावशीलता के लिए जानी जाती हैं, बल्कि वे इजराइल के डिफेंस सिस्टम को भी चुनौती देती हैं, जो अब तक दुनिया के सबसे शक्तिशाली डिफेंस सिस्टमों में से एक माना जाता था। और अब तो सीधे इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की स्वास्थ्य पर अटैक ने हड़कंप मचा दिया है।
नेतन्याहू की स्वास्थ्य समस्याएँ और अस्पताल में भर्ती
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की स्वास्थ्य स्थिति पिछले कुछ महीनों से चिंता का विषय बनी हुई थी। बुधवार को इजराइल के सरकारी कार्यालय ने जानकारी दी कि नेतन्याहू को मूत्र मार्ग में संक्रमण की समस्या के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया। उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आई, जिससे उन्हें एक गंभीर सर्जरी करनी पड़ी। डॉक्टरों के मुताबिक, यह सर्जरी सफल रही, लेकिन इसने उनके नपुंसक होने की पुष्टि की।
नेतन्याहू, जो 75 वर्ष के हैं, लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उनका पिछला मेडिकल इतिहास भी उनकी उम्र और लगातार काम के दबाव को ध्यान में रखते हुए काफी जटिल रहा है। 2023 के जुलाई में उन्हें पेसमेकर लगाने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि मार्च में हर्निया की सर्जरी की गई थी। इन घटनाओं ने उनके स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।
यारीव लेविन बने कार्यवाहक प्रधानमंत्री
नेतन्याहू के स्वास्थ्य संकट के चलते उनके करीबी सहयोगी यारीव लेविन ने अस्थायी रूप से प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला है। यारीव लेविन, जो कि इजराइल के उप प्रधानमंत्री और न्याय मंत्री हैं, अब नेतन्याहू के इलाज तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियाँ निभाएंगे। यह बदलाव नेतन्याहू के लंबे समय तक अस्पताल में रहने की संभावना को देखते हुए किया गया है।
इजराइल की स्वास्थ्य रिपोर्ट का अभाव
हालाँकि इजराइल में प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य के बारे में वार्षिक रिपोर्ट जारी करने का एक प्रोटोकॉल है, लेकिन बेंजामिन नेतन्याहू ने 2016 और 2023 के बीच एक भी स्वास्थ्य रिपोर्ट नहीं जारी की। यह मुद्दा इजराइल की राजनीति में कई बार चर्चा का विषय बना है, क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इसे लेकर कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। हालांकि, उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में अटकलें और चर्चाएँ लगातार बनी रही हैं, जो अब और भी बढ़ गई हैं।
ईरान का चिकित्सा और आईटी क्षेत्र में उन्नति
ईरान ने केवल अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी में ही नहीं, बल्कि चिकित्सा और आईटी क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उन्नति की है। ईरान ने चिकित्सा पर्यटन में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया है, जिससे यह दुनिया के कई देशों के नागरिकों के लिए एक आकर्षक चिकित्सा गंतव्य बन गया है। ईरान की चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति ने उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई है, जबकि आईटी क्षेत्र में भी उसने जबरदस्त विकास किया है।
यह तकनीकी उन्नति न केवल ईरान की अपनी सुरक्षा को मजबूती प्रदान करती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसके प्रभावों को भी महसूस किया जा रहा है। इजराइल और उसके सहयोगी देशों के लिए ईरान की यह प्रगति एक चेतावनी के रूप में सामने आई है, जो उनकी रणनीतिक योजनाओं को प्रभावित कर सकती है।
इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों और युद्ध अपराधों की आलोचना
इस बीच, इजराइल की सैन्य कार्रवाइयाँ, खासकर गाजा, लेबनान और सीरिया में, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और अन्य देशों द्वारा आलोचना का सामना कर रही हैं। इजराइल के हमलों में हजारों निर्दोष नागरिकों की मौत हो चुकी है, और इन घटनाओं ने एक गंभीर मानवीय संकट उत्पन्न किया है। ईरान ने इन हमलों की निंदा की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन युद्ध अपराधों की जांच की अपील की है।
ईरान के अलावा, कई अन्य देशों और मानवाधिकार संगठनों ने भी इजराइल की नीतियों की आलोचना की है, और इन संघर्षों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। इस संघर्ष में लाखों लोगों की जान जा चुकी है, और बर्बादी का मंजर पूरी दुनिया के सामने है।
ईरान की नई मिसाइल टेक्नोलॉजी और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की स्वास्थ्य स्थिति में गिरावट ने एक गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। ईरान की तकनीकी उन्नति, विशेषकर मिसाइल और चिकित्सा क्षेत्र में, इजराइल के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। नेतन्याहू की स्वास्थ्य समस्याओं और उनके स्वास्थ्य पर बढ़ते सवाल, इजराइल की राजनीति को नए मोड़ पर ले आए हैं।
इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों और युद्ध अपराधों को लेकर लगातार अंतरराष्ट्रीय आलोचना हो रही है, और ईरान सहित कई देशों ने इन युद्ध अपराधों की जांच की मांग की है। इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि दुनिया के इस हिस्से में शक्ति और राजनीति के खेल ने मानवीय मुद्दों को अनदेखा कर दिया है, और इसके गंभीर परिणाम सामने आए हैं।