तहलका टुडे टीम
नई दिल्ली।भारत की विदेश नीति, सभ्यता और ‘अतिथि देवो भवः’ की परंपरा उस वक्त शर्मसार हो गई जब एक टीवी डिबेट में खुद को रक्षा विशेषज्ञ बताने वाले गौरव आर्या ने ईरान के विदेश मंत्री को “सुअर की औलाद” जैसे घिनौने शब्दों से अपमानित कर डाला। यह शब्द ना सिर्फ टीवी पर ऑन एयर बोले गए, बल्कि यह क्लिप ईरान में वायरल होने के बाद अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक संकट बन गई है।
ईरान के भारत स्थित दूतावास (Iran in India) ने इस शर्मनाक हरकत की निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर ट्वीट किया:
“मेहमानों के प्रति सम्मान ईरानी संस्कृति में एक दीर्घकालिक परंपरा रही है। हम ईरानी अपने मेहमानों को ‘ईश्वर के प्रिय’ मानते हैं। और आप?”
यह सवाल गौरव आर्या के साथ-साथ पूरे भारतीय मीडिया और सरकार से किया गया है। क्या अब भी हम ऐसे लोगों को बर्दाश्त करेंगे जो भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दागदार कर रहे हैं?
मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी का फूटा ग़ुस्सा, मांगी कठोर सज़ा
देश के सम्मानित इस्लामी विद्वान, सामाजिक चिंतक और धर्मगुरु मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी ने इस पूरे घटनाक्रम को भारत की नैतिक और कूटनीतिक हत्या बताया। उन्होंने कहा:
> “भारत की सभ्यता, तहज़ीब और वैश्विक प्रतिष्ठा पर एक गद्दार ने हमला किया है। ऐसे जाहिल और ज़हरीले लोगों को जेल में ठूंस देना चाहिए। ये न देशभक्त हैं और न राष्ट्रसेवक, बल्कि अमेरिका-इज़राइल के एजेंडे पर काम करने वाले एजेंट हैं जो भारत को उसके दोस्तों से दूर करना चाहते हैं।”
कौन है गौरव आर्या?
गौरव आर्या एक यूट्यूबर और टीवी डिबेट विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने कारगिल युद्ध से ठीक पहले सेना की वर्दी उतार दी थी। आज ये मीडिया में ‘मोर्चे पर लड़ने वाले योद्धा’ की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि ज़मीनी सच्चाई यह है कि वह युद्ध के मैदान से पहले ही पीछे हट गए थे। ऐसे लोग देश की सेना और कूटनीति दोनों का अपमान कर रहे हैं।
भारत के नीति-निर्माताओं से सीधा सवाल
आज पूरा देश मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस प्रकरण पर तुरंत कार्रवाई करें:
गौरव आर्या पर देशद्रोह और कूटनीतिक अपमान का केस दर्ज हो
जिस चैनल ने यह कार्यक्रम चलाया, उसका लाइसेंस रद्द हो
गौरव आर्या की पूर्व सैनिक पेंशन और सभी लाभ तत्काल निलंबित हों
मीडिया पर नियंत्रण हेतु एक निष्पक्ष नियामक संस्था बनाई जाए
ईरान: भारत का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सहयोगी
ईरान भारत का ऐतिहासिक, धार्मिक और आर्थिक मित्र रहा है। सूफी परंपराओं, शिया-सुन्नी मेल, गंगा-जमुनी तहज़ीब और कूटनीतिक सहयोग में ईरान की भूमिका अहम रही है। ईरान पर हमला, भारत की आत्मा पर हमला है।
सवाल यह है कि क्या हम ऐसे “आस्तीन के सांपों” को और बर्दाश्त करेंगे?
जब अमेरिका और इज़राइल खुलेआम पाकिस्तान को मदद पहुंचा रहे हैं, तो क्या भारत में उनके भौंकने वाले मीडिया एजेंट भारत के दोस्तों को गाली देकर उसी दुश्मन के हाथ मजबूत नहीं कर रहे? क्या ये वही “सोशल मीडिया के सैनिक” नहीं हैं जो देश की वास्तविक हितों को दांव पर लगा रहे हैं?
अब सिर्फ शब्द नहीं, एक्शन चाहिए
देश अब जाग चुका है। अब माफी नहीं, सिर्फ गिरफ्तारी चाहिए। ऐसे लोगों की आवाज़ बंद होनी चाहिए जो देश की शांति, कूटनीति और मानवीय गरिमा को चंद लाइक्स और टीआरपी के लिए बेचने पर उतारू हैं।
भारत को गौरव आर्या जैसे “झूठे देशभक्तों” से नहीं, बल्कि मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी जैसे असली सच्चे चिंतकों से दिशा मिलती है।
#GauravArya, #IranIndiaRelations, #MoulanaIftikharHussain, #DiplomaticRow, #ForeignPolicy, #IndianMediaCrisis, #IranEmbassy, #AtithiDevoBhava, #ModiGovt, #AjitDoval, #AmitShah, #RajnatSingh, #Deshdroh, #TVDebateControversy, #RespectForGuests, #MediaAccountability, #ShiaSunniUnity, #EranDoosti, #IndiaIranFriendship, #NewsEthics