तहलका टुडे टीम
लखनऊ, 26 दिसंबर 2024 : उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की संपत्तियों पर एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों से मानव सम्पदा पोर्टल पर अपनी चल और अचल संपत्तियों का विवरण अनिवार्य रूप से 31 जनवरी 2025 तक अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। अगर कर्मचारी इस दिशा में कार्यवाही में विफल रहते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, पदोन्नति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
नया शासनादेश और नियम
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी शासनादेश के मुताबिक, 31 दिसंबर 2024 तक सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों का विवरण मानव सम्पदा पोर्टल पर दर्ज करना होगा। शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी कर्मचारी ने 31 जनवरी 2025 तक अपना संपत्ति विवरण पोर्टल पर नहीं अपलोड किया, तो उनकी पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन और अपील) नियमावली, 1999 के तहत अनुशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी।
क्या होगा असर?
इस कदम से उन सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप मच सकता है जिनके पास अवैध संपत्ति है या जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। यह आदेश उन्हें अपनी संपत्तियों का सत्यापन और विवरण प्रस्तुत करने के लिए बाध्य करेगा। इस प्रक्रिया से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाया जाएगा और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
जांच का दायरा
यह कदम न केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए बल्कि स्वायत्तशासी संस्थाओं, निगमों और उपक्रमों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी लागू होगा। नगर निगम, एलडीए और रजिस्ट्री विभाग के जरिए उन संपत्तियों की गहन जांच की जाएगी जो संदिग्ध हैं।
मुख्यमंत्री का संदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कदम को भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का अहम हिस्सा बताया है। उनका कहना है, “हमारी सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देती है, और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
अवैध संपत्तियों का पर्दाफाश
सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की संपत्ति की जांच में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे किस प्रकार और किसे अपनी संपत्ति अर्जित कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में बैंक खातों, विलासिता की जीवनशैली और महंगे मकानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। अगर किसी के खिलाफ अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगता है तो उनका विवरण कानूनी प्रक्रिया के तहत लिया जाएगा।
इस कदम से संबंधित समाचार
इस खबर ने उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में एक नया हड़कंप मचा दिया है। संवेदनशील कर्मचारियों, जो अपनी संपत्तियों के बारे में जानकारी छुपा रहे थे, उन्हें अब अपनी संपत्तियां सार्वजनिक करने के लिए मजबूर किया जाएगा। जांच के दायरे में आएगा उन अधिकारियों का खाता, जिन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में जानकारी नहीं दी या छुपाई है।
यह आदेश सरकारी कर्मचारियों को एक कड़ा संदेश दे रहा है कि पारदर्शिता और ईमानदारी को बनाए रखने के लिए उन्हें अपनी संपत्तियों का खुलासा करना अनिवार्य होगा, और अगर वे ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।