तहलका टुडे टीम/अली मुस्तफा
बाराबंकी, 5 दिसंबर 2024: जिले में आज सुबह का नज़ारा कुछ अलग था। मस्जिदों से गूंजती अज़ान और मंदिरों में होते भजन की ध्वनि के बीच बाराबंकी पुलिस ने एक नई मुहिम की शुरुआत की। पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह के नेतृत्व में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों और ध्वनि विस्तारक यंत्रों की जांच और मानकीकरण का अभियान चलाया गया।
इस अभियान के तहत पुलिस ने जिले के विभिन्न धार्मिक स्थलों का निरीक्षण किया और वहां लगे अवैध लाउडस्पीकरों को हटाया। साथ ही, जिन लाउडस्पीकरों की आवाज मानक से अधिक थी, उन्हें कम कराकर नियमों के अनुरूप किया गया। पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया कि ध्वनि का स्तर ऐसा होना चाहिए जो धार्मिक माहौल बनाए रखे लेकिन किसी को असुविधा न हो।
धार्मिक स्थलों पर जागरूकता का अभाव
अभियान के दौरान एक दिलचस्प पहलू यह भी देखने को मिला कि कई लोग सिर्फ परंपराओं को निभाने के लिए पूजा या इबादत करते नजर आए। जागरूकता और वास्तविक भावना की कमी चर्चा का विषय बनी रही। धार्मिक स्थलों पर इबादत करने वाले कुछ लोग लूंगी और धोती में नजर आए, लेकिन उनकी उदासीनता ने यह सोचने पर मजबूर किया कि क्या इबादत अब सिर्फ एक औपचारिकता बन गई है।
बाराबंकी में दस लाख से अधिक मुसलमान है 2000 से ज्यादा मस्जिद है लेकिन अफसोस ये है नई सुबह नई जिंदगी मिलने के बाद भी सुबह फज्र की नमाज में वीरान पड़ी मस्जिदें इस बात की गवाही देती है कि कितना एहसान फरामोश होते जा रहे है लोग,मजहब को मानते है लेकिन मजहब की नहीं मानते है,सुबह की नमाज में 2 ,4 लोगो का मस्जिदों में जाना एक अल्लाह से दूरी एक चर्चा का विषय बनी है,
यही हाल अन्य धर्मों के पूजा स्थलों का है, जहां सुबह के वक्त बेचारे पुजारी ही आरती करते है ,भक्त सोते रहे।
पुलिस का अभिनव प्रयास
बाराबंकी पुलिस ने यह निर्णय लिया है कि धार्मिक स्थलों से हटाए गए लाउडस्पीकरों और ध्वनि विस्तारक यंत्रों को जरूरतमंद विद्यालयों और संस्थाओं में वितरित किया जाएगा। इस कदम से न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित होगा, बल्कि शिक्षा और सामाजिक उत्थान को भी बढ़ावा मिलेगा।
धार्मिक स्थलों के जिम्मेदारों को हिदायत
पुलिस ने धार्मिक स्थलों के प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग निर्धारित मानकों के अनुसार ही किया जाए। साथ ही, अतिरिक्त लाउडस्पीकर लगाने पर रोक लगाने की सख्त हिदायत दी गई।
एक नई शुरुआत
पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि यह अभियान केवल नियमों का पालन कराने के लिए नहीं है, बल्कि समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने का प्रयास भी है। उन्होंने कहा, “धार्मिक स्थलों की मर्यादा बनी रहे और लोगों को असुविधा से बचाया जा सके, यही हमारी प्राथमिकता है।”
बाराबंकी पुलिस के इस प्रयास की व्यापक स्तर पर सराहना हो रही है। यह कदम न केवल धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा देगा, बल्कि अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी का भी संदेश देगा।