नई दिल्ली। | तहलका टुडे टीम
ऑल इंडिया मुस्लिम इंटेलेक्चुअल सोसाइटी (AIMIS) के जनरल सेक्रेटरी डॉ. अम्मार अनीस नगरामी ने इस्राइल द्वारा ईरान पर किए गए हालिया मिसाइल हमलों को ‘सरेआम अंतरराष्ट्रीय क़ानून की धज्जियाँ उड़ाना’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ़ ईरान पर नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत की गरिमा और संप्रभुता पर हमला है।
AIMIS ने अपने बयान में इस आक्रामकता को घोर निंदनीय बताते हुए भारत सरकार से तीन ठोस मांगें की हैं —
(1) इस्राइल की अकारण बर्बरता की भारत सरकार सार्वजनिक रूप से निंदा करे,
(2) संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कूटनीतिक हस्तक्षेप करते हुए इस्राइल को ज़िम्मेदार ठहराया जाए,
(3) भारत-ईरान की ऐतिहासिक दोस्ती को ध्यान में रखते हुए ईरान को मानवीय और राजनीतिक समर्थन दिया जाए।
डॉ. अम्मार अनीस नगरामी ने कहा:
“ईरान न सिर्फ़ भारत का पुराना दोस्त है, बल्कि इस्लामी दुनिया की इज्ज़त और सियासी संतुलन का एक मज़बूत स्तंभ भी है। ज़ायोनिस्ट हुकूमत जिस तरह मध्य पूर्व को बार-बार आग में झोंक रही है, वह पूरी दुनिया के अमन के लिए एक खतरनाक संकेत है। अगर आज हमने आवाज़ न उठाई, तो कल बारी हमारी होगी।”
उन्होंने इस्राइली शासन को “जुल्म व तामरुद की ताक़त” बताया और कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश अन्याय के खिलाफ खुलकर बोलें। AIMIS ने सभी अमनपसंद मुल्कों, इंसाफ़पसंद सिविल सोसाइटी संगठनों और जागरूक बुद्धिजीवियों से अपील की है कि वे ईरान के हक़ में आवाज़ बुलंद करें और ज़ुल्म को ज़ुल्म कहने का साहस दिखाएं।
डॉ. नगरामी ने कहा कि:
“कहीं भी होने वाला ज़ुल्म, हर जगह की शांति के लिए ख़तरा होता है। जो आज ईरान के साथ हो रहा है, कल वो हमारे दरवाज़े पर भी दस्तक दे सकता है।”
AIMIS का यह बयान इस बात का साफ़ इशारा है कि भारत के बौद्धिक वर्ग में इस्राइली हमले को लेकर गहरी चिंता और रोष व्याप्त है। साथ ही यह बयान भारत और ईरान के मजबूत सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और कूटनीतिक रिश्तों को और मजबूती देने की दिशा में एक अहम हस्तक्षेप माना जा रहा है।
रिपोर्ट: तहलका टुडे डेस्क
संपर्क: editor@tehlkatoday.com