🛑 श्रीराम और श्रीकृष्ण की भूमि भारत से उठी इंसाफ़ की बुलंद सदा
“जालिमों का नहीं बचेगा नाम-ओ-निशान, भारत से उठेगा इंक़लाब”
तहलका टुडे टीम | 18 जून
लखनऊ:ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू द्वारा दी गई हत्या की धमकियों के खिलाफ भारत की धरती से भड़की एक नई इंकलाबी आग—जिसकी लौ अब विश्व मंच पर अन्याय के खिलाफ अलार्म बेल बन चुकी है।
यह आवाज़ भारत की उसी धरती से उठी है जहां श्रीराम और श्रीकृष्ण ने अधर्म और अत्याचार के खिलाफ धर्मयुद्ध का उद्घोष किया था। आज उसी भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथारिटी मजलिसे उलमा-ए-हिंद और उसके महासचिव आफ़ताबे शरीअत, मौलाना डॉ. सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने एक फौलादी बयान देकर यह स्पष्ट कर दिया कि:
“अगर खामेनेई साहब को धमकी दोगे, तो भारत की हर गली से इंकलाब की आवाज़ उठेगी!”
✊ भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी आग-बबूला: खुलेआम आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी
मजलिसे उलमा-ए-हिंद के सभी वरिष्ठ सदस्यों ने सर्वसम्मति से ट्रंप और नेतन्याहू के बयानों की निंदा करते हुए कहा:
🔺 “यह महज़ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि पूरे इस्लामी उम्मा और विशेषकर मकतबे तशय्यो (शिया समुदाय) पर सीधा हमला है।”
🔺 “मरजा-ए-आलीक़द्र आयतुल्लाह खामेनेई की हत्या की धमकी देना, वैश्विक आतंकवाद के अंतर्गत आता है और यह निंदनीय, खतरनाक तथा अत्याचार की पराकाष्ठा है।”
🔥 एहतिजाज का एलान | फूंके जाएंगे झंडे, उठेगा ज़ुल्म के खिलाफ तूफान
“अब खामोशी गुनाह है, इंकलाब फर्ज़!”
शिया ने हैदर ए कर्रार आर्गेनाइजेशन के सेक्रेट्री मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी ने ऐलान किया है कि आने वाले दिनों में देशभर में:
- 🇺🇸🇮🇱 अमेरिका-इज़राइल के झंडे जलाए जाएंगे।
- 💥 ट्रंप और नेतन्याहू के पोस्टरों को जलाकर प्रतीकात्मक विरोध करते हुए कुत्तों से पेशाब कराए जाने और जूते से रौंद कर विरोध की कार्रवाई होगी।
- ✉️ हज़ारों खून से लिखे पत्र और डिजिटल ईमेल अमेरिकी-इज़रायली दूतावासों को भेजे जाएंगे।
- 📱 सोशल मीडिया पर #ProtectKhamenei, #IndiaWithIran, #NoToTrumpTerror जैसे हैशटैग से विरोध फैलाया जाएगा।
🕌 “आयतुल्लाह अली खामेनेई सिर्फ एक मुल्क के नहीं, पूरी उम्मत के रहबर हैं” – उलमा का दो टूक बयान
“वो सिर्फ ईरान के सुप्रीम लीडर नहीं, बल्कि मज़लूमों के उम्मीद का चिराग़ हैं। उनका अपमान, पूरी इंसानियत की तौहीन है।”
🗣️ भारत सरकार और मीडिया से गुजारिश भरा आग्रह:
- भारत सरकार इस खुले आतंकवादी बयान की आधिकारिक निंदा करे।
- राष्ट्रीय मीडिया धार्मिक मरजाओं की शान में किसी प्रकार की गुस्ताख़ी न करे, इसके लिए स्पष्ट एडवाइजरी जारी की जाए।
- भारत को अपने गुटनिरपेक्ष और न्यायप्रिय इतिहास को दोहराते हुए ईरान के साथ खड़े होने का साहसिक कदम उठाना चाहिए।
🤲 ईरान की कामयाबी के लिए दुआ और समर्थन का वादा
मजलिसे उलमा-ए-हिंद ने कहा:
“हम इस जंग को हक़ बनाम ज़ुल्म की जंग मानते हैं।
हम खामेनेई साहब की सलामती और ईरान की कामयाबी के लिए रोज़ दुआ करेंगे।”
🚨 ये आवाज़ अब नहीं रुकेगी
इस पूरे घटनाक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत की ज़मीन से न सिर्फ़ अपने लिए, बल्कि दुनिया भर के मज़लूमों के लिए आवाज़ उठाई जाती है।
अब ये आवाज़ सिर्फ लखनऊ या दिल्ली में नहीं गूंजेगी,
बल्कि कर्बला की तरह दुनिया के ज़मीर को जगाएगी।