✍️ सैयद रिज़वान मुस्तफा
एडिटर – तहलका टुडे
🔥 ईरान पर हमला नहीं, इंसाफ पर हमला है!
दुनिया को युद्ध से बचाने की बातें करने वाला अमेरिका फिर एक बार खूनी हाथों के साथ सामने आ गया है।
इस बार ईरान के तीन अहम और शांतिपूर्ण परमाणु स्थलों — फोर्डो, नतांज और इस्फहान — पर बर्बर बमबारी कर उसने साबित कर दिया कि वह आज भी दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी मुल्क है।
शनिवार की रात अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने इन ठिकानों पर हमला किया, जिन्हें विश्व विरासत की तरह संरक्षित परमाणु संयंत्र कहा जाता है।
यह हमला उस वक्त हुआ जब पूरी दुनिया तनाव कम होने की उम्मीद कर रही थी। मगर जालिम अमेरिका ने बारूद से जवाब देकर एक बार फिर से खून का बाजार गर्म कर दिया।
📣 “ये जंग नहीं, ये जुल्म की इंतिहा है!” — मौलाना डॉ. कल्बे जवाद नकवी
भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथारिटी आफताबे शरीअत, हज़रत मौलाना डॉ. कल्बे जवाद नकवी ने अमेरिका के इस अमानवीय कदम की तीव्रतम शब्दों में निंदा करते हुए कहा:
“ईरान पर किया गया यह हमला किसी एक देश पर नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत पर हमला है। अमेरिका और इज़राइल का चेहरा अब नकाब से बाहर आ चुका है। अब सिर्फ निंदा नहीं, आमाल का वक़्त है। भारत के हर गली, हर मोहल्ले, हर घर से आवाज़ उठे — ‘अमेरिकन हटाओ, दुनिया बचाओ!’”
उन्होंने एलान किया:
“अब भारत की ज़मीन पर न अमेरिकी कंपनी चलेगी, न इज़राइली प्रोडक्ट बिकेगा।”
🇺🇸 ट्रंप का शर्मनाक जश्न: सोशल मीडिया पर ‘बमबारी’ को बताया ‘सफल मिशन’
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘Tooth’ पर ढिठाई से लिखा:
“हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर सफल हमला किया। सभी विमान ईरानी सीमा से सुरक्षित निकल चुके हैं। हमारे योद्धाओं को बधाई।”
क्या यह बधाई का विषय है?
क्या आज के इस दौर में भी बमबारी को सफलता और खून-खराबे को शौर्य कहा जाएगा?
🇮🇱 इज़राइल की शैतानी चाल, अमेरिका बना मोहरा
रिपोर्ट्स के अनुसार, इज़राइली अधिकारियों ने ट्रंप प्रशासन से कहा था कि वे ईरान पर हमला करने के लिए दो सप्ताह भी इंतज़ार नहीं कर सकते।
यानी अमेरिका अब अपनी नीति नहीं, इज़राइल की गुलामी निभा रहा है।
🚫 भारत में अब शुरू होगा अमेरिका और इज़राइल के बहिष्कार का आंदोलन
मौलाना कल्बे जवाद नकवी के नेतृत्व में अब भारत में बड़े पैमाने पर अमेरिकी-इजराइली उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम शुरू हो गई है:
- Coca-Cola, Pepsi, McDonald’s, Apple, Amazon जैसे अमेरिकी ब्रांडों का अब सामाजिक विरोध होगा।
- इज़राइली तकनीक और कम्पनियों का बायकॉट किया जाएगा।
- मस्जिदों, मदरसों, हुसैनी आशूरखानों और स्कूलों से आवाज़ बुलंद की जाएगी।
- सोशल मीडिया पर #BoycottAmerica #BoycottIsrael ट्रेंड कराया जाएगा।
✊ अब वक़्त आ गया है: या तो ज़ालिम के साथ हो, या मज़लूम के साथ
जो खामोश है, वो शरीक-ए-जुर्म है।
ईरान आज अकेला नहीं — हर न्यायप्रिय, हर ईमानदार, हर सच्चे इंसान का ज़मीर उसके साथ है।
🕊️ दुनिया की अमनपसंद आवाज़ों से अपील:
- यूएन, ओआईसी, गुटनिरपेक्ष आंदोलन और मानवाधिकार संगठनों को अब सिर्फ “नोटिस” नहीं, कार्रवाई करनी चाहिए।
- भारत सरकार को चाहिए कि वह अमेरिका की इस नीतिगत दादागीरी से दूरी बनाए और एक स्वतंत्र वैश्विक आवाज़ बनकर सामने आए।
🖊️ “ये खून ज़ाया नहीं जाएगा”
ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों और आम नागरिकों का खून, इतिहास के पन्नों में अमेरिका और इज़राइल की तबाही की वजह बनेगा।