🕊️ जहां इंसानियत, विरासत और शहादत मिलते हैं, वहीं से उठती है एक नई आवाज़ — One Voice Trust के ज़रिए लखनऊ बना हुसैनी कला का मरकज़
तहलका टुडे टीम
लखनऊ, भारत।दुनिया में मोहर्रम और अजादारी के लिए मशहूर लखनऊ एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है। यहाँ की सरज़मीं से उठने जा रही है वो कलात्मक पुकार, जो कर्बला की शहादत को विरासत और इबारत के ज़रिए ग्लोबल आवाज़ देने वाली है।
28 जून 2025 को शाम 5 बजे, राज्य ललित कला अकादमी, कैसरबाग में होगा “17वीं अंतरराष्ट्रीय छायाचित्र, पेंटिंग और कैलीग्राफी प्रदर्शनी” का उद्घाटन, जिसका विषय है — “मोहर्रम: विरासत और हस्तकला”।
🇮🇳 सरकारी संरक्षण में अजादारी की सांस्कृतिक क्रांति
यह आयोजन न सिर्फ़ अपनी किस्म का भारत का इकलौता प्रदर्शनी आधारित मोहर्रम आयोजन है, बल्कि इसे उत्तर प्रदेश सरकार के दो प्रमुख संस्थानों —
- उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी,
- फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी
का पूर्ण सहयोग प्राप्त है।
यह वह आयोजन है जो देश के रक्षा मंत्री एवं लखनऊ के सांसद श्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र में आयोजित हो रहा है — जो दर्शाता है कि भारत सरकार की संस्कृति नीति में मोहर्रम, विरासत और सर्वधर्म समभाव को भी महत्त्व मिल रहा है।
🎨 दुनिया की आर्ट गैलरी में ‘कर्बला’
इस भव्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहे हैं:
- 28 फ़ोटो आर्टिस्ट
- 45 कैलीग्राफर
- 38 पेंटिंग आर्टिस्ट
कलाकारों की भागीदारी भारत के लखनऊ, देहरादून, कानपुर, अलीगढ़, शाहजहांपुर, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और शिमला से लेकर ईरान, इराक, स्पेन, लंदन और पाकिस्तान तक फैली है।
इस साल प्राप्त हुईं कुल कलाकृतियाँ:
- 📸 150 छायाचित्र – चुनी गईं 90
- 🎨 65 पेंटिंग्स – चुनी गईं 37
- ✍️ 80 कैलीग्राफी वर्क्स – चुनी गईं 45
हर रचना अपने आप में एक बयान है — यज़ीदियत के ख़िलाफ़ जज़्बा, हुसैनी सब्र और इंसानियत का उसूल।
🕯️ उद्घाटन में धर्मगुरु जलाएंगे ‘इंसानियत की मोमबत्ती’
28 जून को उद्घाटन अवसर पर सभी धर्मों के प्रमुख धर्मगुरु एक मंच पर एकजुट होकर “मनुष्यता की मोमबत्ती” जलाएँगे — एक प्रतीक होगा विश्व-शांति, मज़हबी सौहार्द और कर्बला के सार्वभौमिक पैग़ाम का।
📍 स्थान व समय
📍 राज्य ललित कला अकादमी, पुराना हाई कोर्ट के सामने, कैसरबाग, लखनऊ
📆 28 जून से 3 जुलाई 2025 तक
🕓 रोजाना समय: 11 बजे सुबह से 6 बजे शाम तक
🕔 उद्घाटन: 28 जून, शाम 5 बजे
🏛️ उत्कृष्ट अतिथि व संरक्षकगण
- जितेंद्र कुमार (आई.ए.एस.), अपर मुख्य सचिव, भाषा विभाग, उ.प्र.
- श्रीमती अल्वी, सचिव, फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी
- प्रो. मसूद हसन रिज़वी, प्रख्यात लेखक व शिक्षाविद्
- डॉ. आरिफ़ अली, संस्कृति समीक्षक
- सैयद नकी लाल, सचिव, वन वॉयस ट्रस्ट
📞 संपर्क:
सैयद नकी लाल
📱 9305458086 | 8948100077
✉️ writer.snlal@gmail.com | mailme.snlal@gmail.com
🌍 “From Karbala to Kaiserbagh: A Journey of Art, Resistance and Humanity”
इस प्रदर्शनी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि लखनऊ महज़ शहर नहीं, बल्कि एक तहज़ीब है — जहां हुसैनी विरासत, कलात्मकता और सच्ची इंसानियत आज भी जिंदा है।
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