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रिपोर्ट: सैयद रिज़वान मुस्तफा

✍️ तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क ,

दुनिया की राजनीति अब नैतिकता नहीं, स्वार्थ पर आधारित हो चुकी है।
जिस देश ने सबसे ज़्यादा आतंकवाद को बढ़ावा दिया (पाकिस्तान),
जिस देश ने सबसे ज़्यादा युद्ध किए और मासूमों को मारा (अमेरिका),
और जिस देश ने सर्वाधिक धोखे और ज़ुल्म किए (इज़राइल)
वही आज लोकतंत्र, मानवाधिकार और विश्वशांति के ढोंग की चादर ओढ़े घूम रहे हैं।

और हैरानी की बात यह नहीं कि ये तीनों एकजुट हैं –
बल्कि यह है कि भारत सरकार इन पर आंख मूंदे बैठी है।


📍 ताज़ा विवाद: व्हाइट हाउस में पाक जनरल असीम मुनीर की दावत

❝ आतंकवाद का एजेंट बना व्हाइट हाउस का मेहमान ❞

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े हुए माने जाते हैं, उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने साथ लंच पर बुलाया।

यह वही असीम मुनीर हैं जिनका कहना था –

“कश्मीर रहेगा पाकिस्तान का हिस्सा – चाहे जो हो जाए।”

और उसी व्यक्ति को राजकीय सम्मान देना, जबकि भारत के सैनिक हर दिन सीमा पर शहीद हो रहे हैं – ये क्या सिर्फ कूटनीतिक भूल है, या जानबूझ कर किया गया अपमान?


🇮🇳 भारत की शराफत को कोई हल्के में न ले

🔹 “भारत अगर सम्मान देता है, तो इसका मतलब यह नहीं कि वो डरता है, झुकता है या समझ नहीं रहा।
यहां किसी देश की मक्कारी अब नहीं चलेगी।”

भारत ने बार-बार दुनिया को सम्मान दिया –
लेकिन अब लगता है कि शालीनता को कमजोरी और मौन को मूर्खता समझा जाने लगा है।


📚 इतिहास भी गवाह है –

🔹 अमेरिका की दोहरी नीति:

घटना अमेरिका की भूमिका
1971 बांग्लादेश युद्ध के समय पाकिस्तान का साथ दिया, USS Enterprise भेजा
1990s पाकिस्तान को F-16 विमान दिए – भारत के खिलाफ उपयोग
2001 9/11 के बाद पाकिस्तान को “आतंक के खिलाफ सहयोगी” बना दिया
2019 पुलवामा के बाद भी पाकिस्तान पर ठोस कार्रवाई से परहेज़

🔹 इज़राइल की मौकापरस्ती:

क्षेत्र इज़राइल की हरकत
फिलिस्तीन मासूम बच्चों पर बमबारी – “आत्मरक्षा” के नाम पर नरसंहार
ईरान लगातार युद्ध भड़काना, साइबर हमले
भारत हथियार और जासूसी उपकरण बेचे – लेकिन पाकिस्तान से गुप्त बातचीत भी जारी

🔹 पाकिस्तान की गद्दारी:

  • आतंकवाद का निर्यातक
  • UN में भारत-विरोधी प्रस्ताव
  • चीन और अमेरिका दोनों की गोद में बैठा चालबाज़ मुल्क
  • भारत को हमेशा वैश्विक मंचों पर नीचा दिखाने की कोशिश

🗣️ और आज भी मोदी सरकार की चुप्पी क्यों?

जब ट्रंप और असीम मुनीर व्हाइट हाउस में एक-दूसरे से मुस्कुरा कर मिले,
जब G7 से ट्रंप सिर्फ इसलिए पहले चले कि पाक जनरल से मिल सकें,
जब पीएम मोदी को न कोई बयान, न झप्पी, न जिक्र मिला –

तब भी भारत की ओर से कोई विरोध नहीं आया।

न कोई प्रेस कांफ्रेंस,
न कोई चेतावनी,
न कोई असहमति।

क्या यही विश्वगुरु भारत है? या मौनगुरु?


🔥 भाजपा और मोदी सरकार को आईना दिखाता एक सवाल:

👉 “जिस अमेरिका और इज़राइल ने भारत में BJP सरकार को गिराने की कोशिशों में कोई कसर नहीं छोड़ी – उन्हीं पर भरोसा क्यों?”

  • विदेशी मीडिया हाउसों से लेकर NGOs और IT कंपनियों तक –
    अमेरिका और इज़राइल की संस्थाएं भारत के चुनावी माहौल को प्रभावित करने में लगी रहीं।
  • CAA–NRC विरोध, किसान आंदोलन, Pegasus विवाद – हर मौके पर विदेशी ताक़तें सक्रिय थीं।

तो क्या अब वो “मित्र” हैं जो भारत को कभी गिराने का प्लान बनाते थे?


💥 भारत का रास्ता अब स्पष्ट होना चाहिए

  1. कूटनीति में स्पष्टता हो – दो टूक जवाब
  2. पाकिस्तान से सभी संवाद बंद, पूर्ण बहिष्कार
  3. अमेरिका से सख्त सवाल – आप हमारे साथ हैं या गद्दारों के साथ?
  4. इज़राइल की दोहरी चालें बेनकाब करना 

“अब समय आ गया है कि भारत की चुप्पी, शराफत और संतुलन को हिम्मत, जवाब और सख्ती में बदला जाए।”

दुनिया सुन ले:
भारत न डरता है, न झुकता है, न बिकता है।
जिसने भारत की पीठ में छुरा घोंपा –
उसे अब दोस्ती की छाया में छिपने नहीं देंगे।


📢 #IndiaRisingWithPride
📢 #SharaafatIsNotWeakness
📢 #AsimMunirIsTerrorAlly
📢 #TrumpInsultsIndia
📢 #IsraelDoubleGame

 

तहलका टुडे | जहां देश है सबसे पहले

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