तहलका टुडे टीम/सदाचारी लाला उमेश चंद्र श्रीवास्तव/मोहम्मद वसीक
बाराबंकी। महात्मा गांधी आज भी दुनिया की सबसे बड़ी ताकत हैं। वह अपने जीवनकाल से भी अधिक वर्तमान में प्रासंगिक हैं। गांधी को कोई भी गोली से नहीं मार सकता, क्योंकि वह आज भी हमारे दिलों में जीवित हैं। हम जितना गांधी को अपने जीवन में उतार सकते हैं, वह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा गुरुवार को गांधी भवन में महात्मा गांधी के 77वें बलिदान दिवस पर आयोजित गांधी स्मृति कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद कुमार सिंह गोप ने ये विचार व्यक्त किए। इसके बाद शाम को आलापुर स्थित रेठ नदी पर दीपदान कर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
नगर पालिका में 26.5% कमीशनखोरी के नुमाइंदे की मौजूदगी बनी चर्चा का विषय
कार्यक्रम में नगर पालिका से जुड़े एक ऐसे प्रतिनिधि की मौजूदगी भी चर्चा का विषय बनी रही, जिनका नाम शहर के विकास कार्यों में 26.5% कमीशनखोरी के आरोपों से जुड़ा रहा है। नगर के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर जनता में पहले से ही असंतोष व्याप्त है, और ऐसे में इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति को लेकर कई तरह की चर्चाएँ होती रहीं।
गांधी भवन में भजन और पुष्पांजलि से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत गांधी भजन से हुई। इसके उपरांत पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, नगर पालिका परिषद के चेयरमैन प्रतिनिधि सुरेंद्र सिंह वर्मा, पूर्व विधायक सरवर अली खान, गांधीवादी राजनाथ शर्मा, पूर्व मंत्री हाजी फरीद महफूज किदवई सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
चरखा चला कर दी श्रद्धांजलि
पूर्व मंत्री फरीद महफूज किदवई ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए चरखा चलाया। उन्होंने कहा कि जब गांधी जी ने विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार का आंदोलन चलाया था, तब उनके मरहूम चाचा सफी अहमद किदवई की बेगम अनीस किदवई ने बापू के आह्वान पर लंदन से मंगाया गया बेशकीमती शादी का जोड़ा जला दिया। यह उनकी गांधी के प्रति आस्था थी।
गांधी की विचारधारा से मिलेगा नफरत से लड़ने का साहस
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि गांधी जीवनभर सद्भाव और शांति के लिए लड़ते रहे। हमें अपने मन में गांधी को जीवित रखना होगा, ताकि हम नफरत और अन्याय के खिलाफ मजबूती से खड़े रह सकें।
गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने कहा कि देश में दो विचारधाराएँ चल रही हैं—एक संवेदना, मानवता, एकता और प्रेम की विचारधारा, जो समाज को जोड़ती है, और दूसरी, जो समाज में विभाजन और नफरत फैलाती है। हमें गांधी जी की विचारधारा को अपनाकर आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर समाज का निर्माण करना होगा।
गांधी के विचारों से डरते हैं उनके विरोधी
पूर्व विधायक सरवर अली खान ने कहा,
“जिस शरीर से कुछ लोग घबराते थे, उसके विचारों से आज भी उनके वंशज डरते हैं। गांधी हमें दिलों से डर निकालने की प्रेरणा देते हैं। उनका प्रभाव और विस्तार हमेशा बढ़ता रहेगा।”
पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र सिंह वर्मा ने कहा कि गांधी के विचारों से हमें अन्याय, शोषण और अत्याचार के खिलाफ अहिंसात्मक रूप से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। गांधी के बिना भारत की आज़ादी की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
गांधी स्मृति सभा में शामिल हुए गणमान्य लोग
कार्यक्रम का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस अवसर पर कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें वरिष्ठ अधिवक्ता हुमायूं नईम खान, मो. उमैर किदवई, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मी यादव, वीरेन्द्र प्रधान, मृत्युंजय शर्मा, शरद मिश्रा, सलाउद्दीन किदवई, मोहम्मद सबाह, हसमत अली, विनय कुमार सिंह, प्रहलाद यादव, जाहिद हुसैन, अशोक शुक्ला, सभासद मोहम्मद फैसल, विनोद भारती, भागीरथ गौतम, राफिया, सभासद अश्वनी शर्मा, अहमद किदवई, नसीम खान आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
दीपदान कर बापू को अर्पित की गई श्रद्धांजलि
सायंकाल आलापुर स्थित रेठ नदी में दीपदान कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। गांधीवादियों ने दीपों की रोशनी से बापू के सिद्धांतों को जीवंत करने का संदेश दिया।
गांधी आज भी प्रासंगिक हैं
गांधी जी के विचार और उनके अहिंसक संघर्ष आज भी दुनिया को शांति, समानता और सद्भाव का संदेश देते हैं। यह कार्यक्रम न केवल उन्हें श्रद्धांजलि देने का अवसर था, बल्कि उनके आदर्शों को अपनाने और समाज में प्रेम व एकता की भावना को बढ़ाने का संकल्प भी था।