IAS अभिषेक प्रकाश सस्पेंड: यूपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार का बड़ा एक्शन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए वरिष्ठ IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है। इन्वेस्ट यूपी के CEO रहे अभिषेक प्रकाश पर सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए आवेदन करने वाले एक उद्यमी से पांच प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप है। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया है।
🛑 क्या है पूरा मामला?
सोलर इंडस्ट्री लगाने के लिए एक उद्यमी ने इन्वेस्ट यूपी में आवेदन किया था। इस दौरान एक बिचौलिए निकांत जैन ने उद्यमी से कमीशन की मांग की। उद्यमी ने इसकी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाई। मामला गंभीर होते ही सरकार ने इसे एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को सौंप दिया। जांच में एसटीएफ ने आरोपों को सही पाया। इसके बाद निकांत जैन को गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।
⚠️ अभिषेक प्रकाश को नहीं मिली रियायत
इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी निकांत जैन की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने अभिषेक प्रकाश को भी दोषी पाया। सीएम योगी ने बिना कोई रियायत दिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दे दिया। अभिषेक को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है। वहीं, उनकी जगह एसीईओ प्रथमेश कुमार को इन्वेस्ट यूपी का नया CEO नियुक्त किया गया है।
🔎 कैबिनेट मंजूरी का झांसा देकर कमीशन की मांग
शिकायतकर्ता विश्वजीत दत्त ने बताया कि उनका ग्रुप यूपी में सोलर संयंत्र लगाना चाहता था। उन्होंने इन्वेस्ट यूपी में ऑनलाइन आवेदन किया था। मूल्यांकन समिति की बैठक के दौरान एक बड़े अधिकारी ने उन्हें निकांत जैन का नंबर दिया और कहा कि उससे बात करने पर प्रोजेक्ट को जल्द मंजूरी मिल जाएगी। जब उद्यमी ने निकांत जैन से संपर्क किया, तो उसने पूरे मामले को मंजूर कराने के लिए 5 प्रतिशत कमीशन की मांग की।
✅ मुख्यमंत्री ने लिया त्वरित संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी ने शिकायत मिलते ही मुख्य सचिव, आईआईडीसी प्रमुख सचिव एम. देवराज और अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल को तलब किया। उन्होंने गोंडा और बलरामपुर दौरे पर रवाना होने से पहले अभिषेक प्रकाश को निलंबित करने का निर्देश दिया।
🚫 कई मामलों में विवादित रहे हैं अभिषेक प्रकाश
अभिषेक प्रकाश का नाम इससे पहले भी कई विवादों में सामने आ चुका है:
- डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले: लखनऊ के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण के दौरान अनियमितताओं के आरोप लगे थे। राजस्व परिषद की जांच में अभिषेक प्रकाश का नाम सामने आया था।
- डीएम रहते विवाद: अभिषेक प्रकाश लखीमपुर खीरी, लखनऊ, अलीगढ़ और हमीरपुर के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगे।
📚 कौन हैं IAS अभिषेक प्रकाश?
- 2006 बैच के IAS अधिकारी, मूल रूप से बिहार के निवासी।
- IIT रुड़की से इंजीनियरिंग के बाद पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए किया।
- इन्वेस्ट यूपी के CEO और सचिव, आईडीसी विभाग का चार्ज संभाल रहे थे।
- लखनऊ, अलीगढ़ और हमीरपुर जैसे महत्वपूर्ण जिलों के डीएम रह चुके हैं।
⚡ योगी सरकार का सख्त संदेश
योगी सरकार ने इस मामले में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए बड़ा संदेश दिया है कि चाहे कोई भी अधिकारी हो, कानून से बच नहीं सकता। अब वक्फ संपत्तियों और अन्य घोटालों में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों और वक्फखोरों की खैर नहीं।
🔥 वक्फखोर हो जाओ सावधान!
IAS अभिषेक प्रकाश जैसे ताकतवर अफसर जब योगी सरकार में निलंबित हो सकते हैं, तो वक्फ बोर्ड में घोटाले करने वाले, वक्फ की जमीनों को खुर्द-बुर्द करने वाले और भ्रष्टाचार में लिप्त लोग भी नहीं बच पाएंगे। अब ऐसे भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होना तय है।