बाराबंकी न्यायपालिका में शोक की लहर – जिला जज पंकज कुमार सिंह के आकस्मिक निधन पर शहर गमगीन, न्यायिक कार्य ठप

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तहलका टुडे टीम

बाराबंकी: जनपद न्यायालय बाराबंकी के जिला जज पंकज कुमार सिंह के आकस्मिक निधन से पूरा जिला शोकाकुल है। उनके निधन की खबर मिलते ही न्यायपालिका, अधिवक्ता समुदाय और आमजन में गहरा दुख छा गया। न्यायपालिका के इस स्तंभ के असामयिक जाने से न केवल कोर्ट परिसर में सन्नाटा पसर गया, बल्कि पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई।डीएम, एसपी समेत जिले के सभी अधिकारी आवास पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे है।

⚖️ न्याय के मंदिर का एक दिया बुझ गया

पंकज कुमार सिंह सिर्फ एक न्यायाधीश नहीं थे, बल्कि न्याय, सरलता और सुलभता के प्रतीक थे। उनके कार्यकाल में न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या में तेजी से कमी आई थी। उनका व्यवहार अधिवक्ताओं, वादकारियों और न्यायालय कर्मियों के प्रति बेहद संवेदनशील था।

🌟 अधिवक्ताओं और समाज के प्रबुद्धजनों ने दी श्रद्धांजलि

जिला बार एसोसिएशन ने आज दिनांक 28 मार्च 2025 को आपातकालीन बैठक में सर्वसम्मति से शोक प्रस्ताव पारित किया। अधिवक्ताओं ने निर्णय लिया कि वह आज न्यायिक कार्यों में भाग नहीं लेंगे और नियत वादों में उपस्थित नहीं होंगे।

शोकसभा में पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, प्रेस फाउंडेशन ट्रस्ट के सैयद रिजवान मुस्तफा, एडवोकेट फारुख अय्यूब, बृजेश दीक्षित, बब्बन सिंह, पंकज निगम, जगत बहादुर सिंह, कौशल किशोर त्रिपाठी, नरेश सिंह, दिलीप गुप्ता,मोहम्मद रिज़वान ,दीवानी कर्मचारी यूनियन के अधिकारी जयशंकर, स्टेनो यूनियन के पुनीत यादव, और मोहम्मद ताहा सहित शहर के गणमान्य व्यक्ति और अधिवक्ता शामिल हुए।

🌹 अधिवक्ताओं ने न्यायप्रियता को किया याद

वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र वर्मा ने कहा,

“34 साल की वकालत में मैंने ऐसा न्यायाधीश पहली बार देखा, जिसने न्याय को सुलभ और सरल बनाया। उनकी कार्यशैली में निष्पक्षता और मानवीय संवेदना दोनों थी।”

एडवोकेट सैयद रेहान मुस्तफा ने कहा,

“माननीय पंकज कुमार सिंह जैसे न्यायाधीश विरले ही होते हैं, जिन्होंने अपनी सहजता और न्यायप्रियता से सभी का दिल जीत लिया। उनका जाना न्यायपालिका के लिए अपूरणीय क्षति है।”

💫 न्याय का सुलभ चेहरा थे पंकज कुमार सिंह

पंकज कुमार सिंह ने अपने कार्यकाल में न्याय को सुलभ और त्वरित बनाया। उनका मानना था कि वादकारियों को न्याय के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े। उनके फैसले सिर्फ कानून की धाराओं तक सीमित नहीं होते थे, बल्कि उनमें मानवीय संवेदनाएं भी झलकती थीं।
उनकी कोर्ट में जाने वाला हर व्यक्ति यह महसूस करता था कि उसे एक संवेदनशील न्यायाधीश मिला है, जो उसकी बात को पूरी संजीदगी से सुनेगा।

🌐 अधिवक्ता समुदाय का न्यायिक कार्य स्थगित

बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि अधिवक्ता आज किसी भी वाद में भाग नहीं लेंगे। सभी अधिवक्ताओं ने दोपहर 3:30 बजे जिला बार सभागार में आयोजित शोकसभा में शामिल होकर न्यायाधीश को श्रद्धांजलि देंगे।

🙏 न्यायपालिका को अपूरणीय क्षति

उनका जाना केवल एक व्यक्ति का निधन नहीं, बल्कि पूरी न्याय व्यवस्था के लिए एक गहरी रिक्ति है। उनकी सादगी, ईमानदारी और न्याय के प्रति समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेंगी।

🤲 शत्-शत् नमन!

बाराबंकी के अधिवक्ताओं, समाज के गणमान्य लोगों और न्यायिक अधिकारियों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके परिवार को इस कठिन समय में संबल देने की कामना की।

ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति मिले और न्यायपालिका को उनकी कमी सहने की शक्ति प्रदान हो।
शत्-शत् नमन! 🌹

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