तहलका टुडे टीम/सैयद रिज़वान मुस्तफ़ा
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। अपनी लखनवी तहज़ीब और मृदुल शैली में उन्होंने अपनी बात रखते हुए राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कांग्रेस की सत्ता की लोलुपता, संविधान के साथ खिलवाड़ और विदेश में भारत की छवि खराब करने वाले बयानों को लेकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया।
अटल बिहारी वाजपेयी की तुलना से राहुल पर तंज
राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 1995 के जेनेवा दौरे का जिक्र करते हुए विपक्ष के मौजूदा रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “अटल जी जब जेनेवा गए, तो उन्होंने भारत के पक्ष को मजबूती से रखा और तत्कालीन सरकार की प्रशंसा की। जब वह लौटे, तो भी वही बात की। लेकिन आज विपक्ष के नेता विदेश जाकर भारत के खिलाफ बयान देते हैं।”
उनका यह बयान राहुल गांधी पर सीधा हमला माना जा रहा है, जो अक्सर विदेशों में अपने भाषणों के दौरान भारतीय सरकार की आलोचना करते हैं।
शाहबानो केस और तीन तलाक पर निशाना
रक्षामंत्री ने शाहबानो केस का उल्लेख करते हुए कांग्रेस पर मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब सुप्रीम कोर्ट ने एक मुस्लिम महिला के पक्ष में फैसला सुनाया, तो कांग्रेस ने अपने वोट बैंक के लिए उस फैसले को पलट दिया। लेकिन हमारी सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को उनका हक दिया।”
आपातकाल का दर्द: लखनवी अंदाज़ में कांग्रेस पर हमला
राजनाथ सिंह ने आपातकाल के दौरान अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “आपातकाल के दौरान मुझे 40 दिनों तक एकांत बैरक में रखा गया। मेरी मां गंभीर रूप से बीमार थीं, लेकिन मुझे उन्हें देखने तक नहीं दिया गया। जब उनका निधन हुआ, तब भी मुझे उनकी अंतिम विदाई में शामिल नहीं होने दिया गया।”
लखनवी अंदाज़ में उन्होंने इस घटना का जिक्र करते हुए कांग्रेस की सत्ता-लोलुपता और लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी को उजागर किया।
आर्टिकल 356 और राज्यों की बर्खास्तगी
रक्षामंत्री ने आर्टिकल 356 के दुरुपयोग का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के इतिहास पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने बार-बार आर्टिकल 356 का इस्तेमाल कर राज्य सरकारों को गिराया। यह संविधान का अपमान है। हमने कई बार बहुमत हासिल किया, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता के लालच में हमारी सरकार बनने नहीं दी।”
भीमराव आंबेडकर की टिप्पणी से संदेश
राजनाथ सिंह ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, “आंबेडकर जी ने कहा था कि अगर संविधान अच्छे हाथों में होगा, तो वह अच्छा काम करेगा। लेकिन अगर इसे गलत हाथों में दे दिया गया, तो यह खराब हो जाएगा। कांग्रेस ने संविधान के साथ यही किया।”
विपक्षी नेताओं के विदेश में भारत विरोधी बयानों पर हमला
राजनाथ सिंह ने बिना नाम लिए राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं की विदेश में भारत विरोधी टिप्पणियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आज कुछ लोग विदेश जाकर भारत की छवि खराब करने की कोशिश करते हैं। यह भारतीय राजनीति और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।”
75 साल का सफर और संविधान की प्रासंगिकता
रक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान पिछले 75 वर्षों से देश को मार्गदर्शन दे रहा है और यह समय के साथ और मजबूत हो रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा लैंगिक समानता के लिए उठाए गए कदमों की प्रशंसा की और इसे संविधान की सफलता का प्रतीक बताया।
तहज़ीब में सख्त संदेश
राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में विपक्ष पर तीखे तंज कसे, लेकिन लखनवी अंदाज़ और विनम्र भाषा के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व, डॉ. आंबेडकर की सोच और मोदी सरकार की नीतियों का हवाला देते हुए कांग्रेस को संविधान और लोकतंत्र का सम्मान न करने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
इस भाषण ने संसद में न केवल बहस को जीवंत किया, बल्कि राहुल गांधी और विपक्ष के खिलाफ भाजपा के रुख को भी स्पष्ट किया।