“लखनऊ की तहज़ीब में घुली ग्लोबल रंगत – इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के फैशन शो में हिजाब का जलवा, पश्चिमी मुल्कों की बेहयाई  से दूरी,भारतीय सांस्कृतिक विरासत का सम्मान,बना चर्चा “

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“लखनऊ की तहज़ीब में घुली ग्लोबल रंगत – इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के फैशन शो में हिजाब का जलवा, पश्चिमी मुल्कों की बेहयाई  से दूरी,भारतीय सांस्कृतिक विरासत का सम्मान,बना चर्चा “

तहलका टुडे टीम/सैयद मोहम्मद अली 

लखनऊ, जिसे तहज़ीब, नफ़ासत, और अदब का शहर कहा जाता है, वहां इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के मास कम्युनिकेशन विभाग ने अपने वार्षिक फेस्ट “Fiesta 2025” के अंतर्गत “ग्लोबल ग्रूव – ए कल्चरल एंड एथनिक फैशन शो” का भव्य आयोजन किया। इस शो में न केवल भारतीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय परिधानों की विविधता और उनकी गरिमा को शानदार ढंग से प्रस्तुत किया गया। लेकिन इस बार फैशन शो की सबसे बड़ी खासियत रही हिजाब का जलवा और पश्चिमी भौतिकवादी संस्कृति से दूरी

हिजाब ने बिखेरी रौनक, फैशन को मिला नया आयाम

फैशन शो में हिजाब को एक नई पहचान दी गई। रंग-बिरंगे, खूबसूरत कढ़ाईदार और स्टाइलिश हिजाब पहने प्रतिभागियों ने जब मंच पर रैंप वॉक किया तो पूरा सभागार तालियों की गूंज से भर गया। यह नजारा इस बात का प्रतीक था कि फैशन केवल अंग प्रदर्शन तक सीमित नहीं, बल्कि गरिमा, संस्कृति और आत्म-विश्वास का नाम है।

जहां आमतौर पर फैशन शोज़ में पश्चिमी कपड़ों का वर्चस्व रहता है, वहीं इस आयोजन में परंपरागत और गरिमापूर्ण परिधानों को प्राथमिकता दी गई। साड़ी, सलवार-कुर्ता, अबाया और हिजाब के संगम ने एक अनोखी मिसाल पेश की कि कैसे आधुनिकता और संस्कृति को संतुलित किया जा सकता है।

संस्कृति और सादगी का अनूठा मेल

शो में भारतीय परिधान ही नहीं, बल्कि अन्य देशों की सांस्कृतिक पोशाकें भी आकर्षण का केंद्र रहीं। अरबी, तुर्की, ईरानी, अफगानी, इंडोनेशियन और दक्षिण एशियाई परिधानों की खूबसूरती ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।

कार्यक्रम में उपस्थित एक छात्रा ने कहा, “यह शो हमें यह सिखाता है कि फैशन का मतलब केवल पश्चिमी कपड़े पहनना नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक विरासत को गर्व से अपनाना भी है।”

विशिष्ट अतिथियों ने की आयोजन की सराहना

इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद और यूनिवर्सिटी के गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि:

  • प्रोफेसर अब्दुल रहमान ख़ान (डीन एवं कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन)

उन्होंने इस अवसर पर कहा, “यह फैशन शो हमारी जड़ों और परंपराओं को संजोने का प्रयास है। इसमें जिस गरिमा और सौम्यता से संस्कृति को प्रस्तुत किया गया है, वह सराहनीय है।”

अन्य सम्मानित अतिथिगण:

  • प्रोफेसर वहाजुल हक (डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट)
  • डॉ. राजीव रंजन (डीन, इंटीग्रल बिजनेस स्कूल)
  • प्रो. अदील मकबूल (डीन, फैकल्टी ऑफ कॉमर्स)
  • डॉ. राशिद अंसारी (विभागाध्यक्ष, मास कम्युनिकेशन)

शानदार आयोजन के पीछे इनका योगदान

इस भव्य फैशन शो के सफल आयोजन का श्रेय जाता है  मोहम्मद रेहान इरफान और सुश्री नफीसा रज़ी (सहायक प्रोफेसर, जनसंचार विभाग) को, जिन्होंने इस पूरे कार्यक्रम का संयोजन किया और इसे यादगार बनाया।

195 प्रतिभागियों ने बिखेरे जलवे, सिदरा और लक्की बने शोस्टॉपर

शो में 195 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और अपनी शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रतियोगिता के विजेता:

  • “मिस फैशन शो” – सिदरा सिद्दीकी (इन्होंने हिजाब में अपनी अद्भुत प्रस्तुति दी और यह साबित किया कि फैशन गरिमा और संस्कृति के साथ भी किया जा सकता है।)
  • “मिस्टर फैशन शो” – लक्की खान

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का अनोखा पहल – फैशन विद डिसिप्लिन

यह फैशन शो केवल पहनावे का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि एक संदेश भी था कि फैशन को गरिमा और संस्कारों के साथ जोड़ा जा सकता है। पश्चिमी प्रभाव से दूर रहते हुए भी हम सुंदरता और आधुनिकता को अपना सकते हैं।

लखनऊ, जो हमेशा से तहज़ीब, अदब, और गरिमा का प्रतीक रहा है, वहां का यह आयोजन एक मिसाल बन गया कि आधुनिकता के नाम पर अपनी पहचान से समझौता करने की जरूरत नहीं है।

संस्कृति और फैशन का संगम – भविष्य में भी होगा भव्य आयोजन

इस आयोजन की सफलता को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस तरह के भव्य आयोजनों की श्रृंखला जारी रहेगी।

“Fiesta 2025 – Global Groove” ने साबित कर दिया कि फैशन सिर्फ स्टाइल नहीं, बल्कि संस्कृतियों का एक खूबसूरत संगम है!”

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