तहलका टुडे टीम
लखनऊ, 5 मार्च 2025: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों से जुड़ी भ्रामक और मनगढ़ंत खबरों के प्रसार पर कड़ी आपत्ति जताई है।
बोर्ड ने पत्र में कहा कि कुछ मीडिया हाउस और समाचार पत्र बिना किसी सत्यापन के बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा (लखनऊ) और मकबरा बहू बेगम (फैजाबाद) जैसी ऐतिहासिक और धार्मिक संपत्तियों को सरकारी संपत्ति घोषित किए जाने की झूठी खबरें चला रहे हैं। बोर्ड ने इसे जनता को गुमराह करने वाला और सांप्रदायिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य बताया है।
मीडिया से जिम्मेदारीपूर्वक रिपोर्टिंग की अपील
अली जैदी ने अपने पत्र में कहा कि “इस प्रकार की झूठी खबरें न केवल जनता को भ्रमित करती हैं, बल्कि समाज में अनावश्यक विवाद और अस्थिरता को भी जन्म देती हैं। धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखना बेहद जरूरी है, और इस प्रकार के गलत दावे उस गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं।”
शिया वक्फ बोर्ड ने सरकार से की तीन प्रमुख मांगें
शिया वक्फ बोर्ड ने सरकार से तीन प्रमुख कदम उठाने की अपील की है:
- मीडिया हाउस और समाचार पत्रों को निर्देश दिया जाए कि वे संवेदनशील मामलों पर बिना पुष्टि के झूठी खबरें प्रकाशित करने से बचें।
- झूठी खबरों के स्रोत की जांच कर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए।
- जनता के बीच किसी भी प्रकार की गलतफहमी को दूर करने के लिए सरकार आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करे।
सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग
शिया वक्फ बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लेने और तत्काल उचित कार्रवाई करने की मांग की है। बोर्ड ने चेतावनी दी कि अगर इस तरह की खबरों पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों की छवि को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द को भी प्रभावित कर सकती हैं।
अब यह देखना होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और मीडिया संस्थान इस पर क्या रुख अपनाते हैं।