ЁЯМН рдИрдВрдЯ рдХрд╛ рдЬрд╡рд╛рдм рдкрддреНрдерд░ рд╕реЗ: рдЬрд╛рд▓рд┐рдо рдЗрдЬрд╝рд░рд╛рдЗрд▓ рдХреА рддрдмрд╛рд╣реА рдХрд╛ рдЯреНрд░реЗрд▓рд░ рджрд┐рдЦрд╛ рдЧрдпрд╛ рдИрд░рд╛рди тАФ рдЕрдм рди рдЕрдореЗрд░рд┐рдХрд╛ рдХреА рдЪрд╛рд▓ рдЪрд▓реА, рди рдЖрдпрд░рди рдбреЛрдо рдмрдЪрд╛ рд╕рдХрд╛,рдЗрдЬрд╝рд░рд╛рдЗрд▓реА рдореАрдбрд┐рдпрд╛ рдиреЗ рдХрд╣рд╛ рдИрд░рд╛рдиреА рдорд┐рд╕рд╛рдЗрд▓ рддреЗрд▓ рдЕрд╡реАрд╡ рдХреА 50 рдордВрдЬрд╝рд┐рд▓рд╛ рдЗрдорд╛рд░рдд рдкрд░ рдЖрдХрд░ рдЧрд┐рд░реАред рдмрд╣реБрдд рдХреБрдЫ рддрдмрд╛рд╣ ,рдХрдИ рдорд░реЗ

THlkaEDITR
4 Min Read

 

📍 विशेष रिपोर्ट | तेहरान/यरुशलम | 14 जून 2025

तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क 

जब इज़राइल अपने घमंड और अमरीकी समर्थन के नशे में चूर होकर ईरान के शांतिपूर्ण रिहायशी इलाकों पर हमला करने निकला था, तब उसने सोचा भी नहीं था कि अगली रात तेल अवीव की फिज़ा में ईरानी मिसाइलों की आग बरसेगी।
जिन्होंने शांति को कमजोरी समझा था, आज वे खुद बंकरों में छिपकर जान की भीख मांग रहे हैं।


💣 ईरान का कहर: सिर्फ जवाब नहीं, एक ऐलान था — अब और ज़ुल्म बर्दाश्त नहीं

इज़राइल ने जब ईरान के नतांज न्यूक्लियर बेस और सैन्य ठिकानों पर हमला किया, तो उसने न सिर्फ टॉप वैज्ञानिकों और कमांडरों की हत्या की, बल्कि उसने मध्य-पूर्व में स्थिरता की आखिरी उम्मीद को रौंद डाला।

परंतु ईरान ने जैसे ही “ईंट का जवाब पत्थर से” देने की नीति अपनाई,

  • तेल अवीव,
  • हैफ़ा,
  • गलील जैसे इलाकों में अफरातफरी मच गई।

150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों ने एक बार फिर दुनिया को बता दिया कि ईरान अब खामोश नहीं रहेगा।


🚨 तबाही का नज़ारा: इज़राइल में चीखें, बंकरों में छिपे लोग, अमेरिका भी सकते में

  • 500 से अधिक घायल, कई गंभीर रूप से,
  • दर्जनों की मौत,
  • तेल अवीव में विस्फोटों के बाद धुएं के बादल और मलबा,
  • IDF की आयरन डोम प्रणाली कई जगह विफल,
  • अमेरिकी मदद के बावजूद हालात काबू से बाहर।

अमेरिका, जिसने हमेशा इज़राइल को ढाल बनाकर मासूमों की लाशों पर राजनीति की है, अब खुद भी ईरानी चेतावनियों के घेरे में है।

“अब हिट एंड रन नहीं चलेगा, ज़ायोनी शासन को उसकी करतूतों की कड़ी सज़ा मिलेगी” — आयतुल्लाह अली खामेनेई


🌐 इज़राइल की सच्चाई खुलकर सामने आई:

  • ग़ज़ा, यमन, लेबनान और सीरिया में बच्चों और आम नागरिकों की हत्याएं,
  • मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्टों में लाखों निर्दोषों के कत्लेआम का ज़िक्र,
  • अब खुद अपने घर में चीख़ें और खौफ का मंजर।

इज़राइल ने जब रिहायशी इलाकों में हमला किया था, तब वह “डिफेंस” का ढोंग कर रहा था।
परंतु ईरान का हमला एक राष्ट्र के आत्मसम्मान की पुकार थी —

“जो खून बहाया गया, उसका हिसाब ज़रूर लिया जाएगा।”


🔥 ईरान ने दिया संदेश: हमारी चुप्पी हमारी कमजोरी नहीं थी

ईरान ने अमेरिका और इज़राइल को साफ शब्दों में कहा —

“जो कुछ हुआ, वह एक शुरुआत है। अगर फिर हमारे मुल्क, हमारे वैज्ञानिकों या आम नागरिकों को निशाना बनाया गया, तो अंजाम और भयावह होंगे।”

अब ईरान अपनी मिसाइल शक्ति, परमाणु तकनीक और रणनीतिक ताक़त को और मज़बूत करेगा — और पूरी दुनिया को दिखाएगा कि ताक़तवर होना ज़रूरी है, ज़ालिम बनने के लिए नहीं, बल्कि ज़ालिम को रोकने के लिए।


🇺🇸 अमेरिका की दोहरी चालें बेनकाब

व्हाइट हाउस ने कहा:

“हम हमलों में शामिल नहीं थे।”
लेकिन तेहरान ने जवाब दिया:
“बिना आपकी इजाज़त के इज़राइल इतनी बड़ी हरकत कर ही नहीं सकता था। आप भी बराबर के गुनहगार हैं।”


🧭 नया दौर शुरू: जहां सच बोलेगा, ज़ुल्म नहीं

अब दुनिया को फैसला करना होगा —
क्या वह इंसाफ़ और संप्रभुता के साथ खड़ी होगी,
या फिर इज़राइली ज़ुल्म और अमरीकी मिलीभगत के साथ?


ईरान ने इतिहास में पहली बार इतनी ताक़त से जवाब दिया है।

यह सिर्फ एक जवाब नहीं, एक ऐलान है —
“अब हम चुप नहीं बैठेंगे, अब ज़ालिम रोएगा और मज़लूम बोलेगा।”


📌 जुड़े रहिए… क्योंकि अब यह संघर्ष केवल दो देशों का नहीं, बल्कि सत्य बनाम ज़ुल्म की लड़ाई बन चुकी है। और इस बार मज़लूमों की आवाज़ दबेगी नहीं — गूंजेगी पूरी दुनिया में।

इस खबर को शेयर भी कीजिए

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *