हसनैन मुस्तफा
नजफ़ (इराक़):
انا لله و انا اليه راجعون – हम सब अल्लाह के हैं और उसी की ओर लौटकर जाने वाले हैं। आज नजफ़ और पूरी शिया दुनिया गहरे शोक में डूबी हुई है। मरजए आला, ग्रैंड आयतुल्लाह सैय्यद अली अल-हुसैनी अल-सीस्तानी की जीवनसंगिनी इस नश्वर दुनिया से अलविदा हो गईं।
उनके इंतकाल की खबर ने न केवल इराक़ बल्कि पूरे शिया समाज को स्तब्ध और ग़मगीन कर दिया। उनके व्यक्तित्व की सादगी, परिवार के प्रति समर्पण और धार्मिकता ने उन्हें सिर्फ़ एक पत्नी नहीं बल्कि आदर्श शख़्सियत बना दिया था।
विद्वानों की माता: सादगी, परहेज़गारी और शिक्षा
मरहूमा आयतुल्लाह सीस्तानी की पत्नी होने के साथ-साथ दो महान आलिमों — आयतुल्लाह मोहम्मद रज़ा सीस्तानी और आयतुल्लाह बाक़िर सीस्तानी — की माता भी थीं। उनका जीवन परिवार की परवरिश और रूहानी माहौल से जुड़ा हुआ था।
उनकी शिक्षा और परवरिश का असर उनके बच्चों में स्पष्ट दिखाई देता है। आज उनके बेटे और पोते पूरे शिया समाज के लिए मार्गदर्शक और सहारा बने हुए हैं।
नजफ़ में ग़म और नमाज़े जनाज़ा
नजफ़ की गलियों और हौज़ा-ए-इल्मिया के मदरसों में गहरी ख़ामोशी छाई हुई है। मस्जिदों और इमामबाड़ों में उनके लिए लगातार दुआएं की जा रही हैं।
उनकी नमाज़े जनाज़ा 29 सितंबर की सुबह 9 बजे शेख़ तूसि मस्जिद में अदा की जाएगी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आलिम, तलबा और मुमिनीन की शिरकत की उम्मीद है। इसके बाद दफ़न की रस्में अंजाम दी जाएँगी।
दुनिया भर से ताज़ियतनामा और संवेदना संदेश
दुनिया भर से आयतुल्लाह सीस्तानी और उनके परिवार के नाम ताज़ियत और संवेदना संदेश पहुँच रहे हैं। भारत, पाकिस्तान, ईराक़, ईरान, लेबनान और अन्य देशों में शिया समाज ने इस बड़े नुक़सान पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
विशेष रूप से भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी मौलाना डॉ कल्बे जवाद नकवी साहब और सेव वक्फ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट सैयद रिज़वान मुस्तफ़ा रिज़वी ने इस शोक की घड़ी में अपने संवेदना संदेश में कहा है कि “मरहूमा का इंतकाल केवल आयतुल्लाह सीस्तानी साहिब के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी शिया उम्मत के लिए एक निजी और सामूहिक ग़म है। हम उनके ईमानदारी, सादगी और धार्मिक जीवन को हमेशा याद रखेंगे और उनके लिए दुआ होगी।”
मरहूमा का व्यक्तित्व और जीवन दर्शन
मरहूमा आयतुल्लाह सीस्तानी की पत्नी बेहद सादगी पसंद, पर्दानशीन और इबादत में मशग़ूल शख़्सियत थीं। उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी अपने घर को ईमान और ज्ञान की खुशबू से महकाने में बिताई।
आयतुल्लाह सीस्तानी और परिवार का प्रभाव
आयतुल्लाह सैय्यद अली सीस्तानी की शख़्सियत पूरी दुनिया के शियाओं के लिए मार्गदर्शन और सहारा है। ऐसे में उनके घर के किसी सदस्य का इंतकाल केवल निजी दुख ही नहीं, बल्कि पूरी उम्मत के लिए गहरा ग़म बन जाता है।
दुनिया भर में शोक का असर
भारत, पाकिस्तान, इराक़, ईरान, लेबनान, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका तक, जहां-जहां अहलेबैत (अ.स.) के चाहने वाले रहते हैं, वहां यह ख़बर अश्क और आह का कारण बनी है।
इस नूरानी खानदान की यह बड़ी कमी आसानी से पूरी नहीं की जा सकती। मरहूमा की ज़िंदगी हमें सिखाती है कि असली विरासत दौलत या शोहरत में नहीं, बल्कि परिवार, इबादत और सादगी में है।
हमारी दुआ है कि अल्लाह उन्हें जन्नतुल फ़िरदौस में सर्वोच्च स्थान अता करे और उनके लाडले अहलेख़ाना, ख़ास तौर पर आयतुल्लाह अली सीस्तानी साहिब को इस दुख की घड़ी में सब्र-ए-जमील अता फ़रमाए।