“बहराइच में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे हिंदुओं ने क्यों लगाए?” – देशभक्ति का नया रील ट्रेंड या आईक्यू टेस्ट फेल?

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📰 “बहराइच में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे हिंदुओं ने क्यों लगाए?” – देशभक्ति का नया रील ट्रेंड या आईक्यू टेस्ट फेल?
तहलका टुडे /शादाब हुसैन

बहराइच (यूपी)।
जहां एक ओर देशवासी अपने बच्चों को ओलंपियाड, नीट और जेईई के लिए तैयार कर रहे हैं, वहीं बहराइच के कुछ ‘सोशल मीडिया योद्धा’ युवाओं ने ऐसा काम कर दिखाया है जो सीधा देशद्रोह के सिलेबस में फिट हो गया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में आंबेडकर ग्राम के पांच युवकों ने “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाकर ऐसा स्क्रिप्ट लिखा, जिसे देख पाकिस्तानी भी कह उठे होंगे — “भाई ये तो हमसे भी ना हो पाएगा!”


🧠 नारे लगाने वाले कौन? देशद्रोही? नहीं नहीं… देसी हिंदू!

जी हां, इस बार मामला कश्मीर, बंगाल या PFI से नहीं, खालिस देसी हिंदू लड़कों से जुड़ा है।
नाम सुनिए — अविनाश, अजीत, अंकुल, सतपाल और विजय।
नाम देशभक्ति वाले, काम रील-भक्ति वाला।

इन युवाओं को देखकर अब देशभक्तों को धर्म नहीं, डाटा प्लान और बैंडविड्थ से डर लगने लगा है।


📱 वायरल होने की अद्भुत लालसा

बताया जा रहा है कि इन युवकों का इरादा देश तोड़ना नहीं था, बस “ट्रेंडिंग” में आना था।
क्योंकि आजकल वीर रस का कंटेंट वायरल नहीं होता, लेकिन “विवाद” हो जाए तो इंस्टा फॉलोअर्स बढ़ जाते हैं।

पकड़े जाने पर एक युवक ने कहा:

“भइया गलती हो गई, हम तो जय भीम बोल रहे थे, बीच में पाकिस्तान फिसल गया!”

जैसे “प्याज काटते हुए चाकू से उंगली कट गई” हो।


⛪ मंदिर में मूर्तिभंजन, फिर नारेबाज़ी — सिलेबस अपडेट?

सूत्र बताते हैं कि यही युवक पहले मंदिर में मूर्तियाँ तोड़ने के आरोप में भी खबरों में आ चुके हैं।
अब जब उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इन्होंने सोचा होगा —
“चलो अब अगला लेवल ट्राय करते हैं, नारा लगाते हैं, कैमरा ऑन करते हैं, और कंट्रोवर्सी क्रिएट करते हैं!”

देश की राष्ट्रीय सुरक्षा इन दिनों लोकल टिक-टॉकर्स की क्रिएटिविटी पर निर्भर होती दिख रही है।


👮‍♂️ पुलिस: रील देखी, रियल में धर दबोचा

एएसपी ग्रामीण दुर्गा प्रसाद तिवारी के निर्देशन में पुलिस ने ये नारेबाज़ युवक 13:10 बजे के आसपास गिरफ्तार कर लिए।

केस दर्ज हुआ:
👉 धारा 170/126/135 बीएनएसएस में
👉 मुकदमा संख्या 185/25


🧓 गांव वाले बोले: “अब एग्ज़ाम में IQ टेस्ट के बदले Patriotism Test भी हो”

एक बुज़ुर्ग ने कहा:

“पहले सोचते थे कि पाकिस्तान की जय बोलने वाले सीमा पार से आते हैं। अब लगता है वो हमारे मोहल्ले में इंस्टाग्राम यूज़रनेम बनाकर घूम रहे हैं।”


🤔 व्यंग्यात्मक विश्लेषण:

  • धार्मिक पहचान अब देशभक्ति की गारंटी नहीं
  • रील और वायरल के चक्कर में युवा देश को मज़ाक बना रहे हैं
  • अब ‘देशद्रोह’ और ‘कॉमेडी’ में फर्क करना कठिन होता जा रहा है

📢 चेतावनी:

“यदि आप भी अगली बार पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे सिर्फ लाइक, व्यूज़ और वायरल के लिए लगाने जा रहे हैं — तो समझ लीजिए, वायरल होने के बाद आप भी ‘जमानती रील’ बन सकते हैं।”

देशभक्ति का मतलब है राष्ट्र का सम्मान — न कि ट्रेंडिंग टैग बनाना।

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