तहलका टुडे इंटरनेशनल डेस्क
तेहरान, 13 जून 2025 (शबे जुमा / 23 ख़ुरदाद 1404 हिजरी शम्सी):
जब पूरी ईरानी क़ौम शबे जुमा की मुक़द्दस रात को इबादत और दुआओं में मशग़ूल थी, तभी ज़ायोनी शासन ने अपने शैतानी मंसूबों के तहत एक कायराना हमला कर डाला। रिहायशी इलाक़ों को निशाना बनाकर किए गए इस क़त्ल-ए-आम ने इंसानियत को झकझोर दिया है।
लेकिन ईरान ने इस हमले के बाद खामोश रहने की नहीं, बल्कि दहाड़ने की राह चुनी — और यह दहाड़ पूरे पश्चिम एशिया में गूंज रही है।
सुप्रीम लीडर सैय्यद अली ख़ामेनेई का ऐलान: “खून ज़ाया नहीं जाएगा, अंजाम तल्ख़ और दर्दनाक होगा”
हमले के कुछ ही घंटों बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता सैय्यद अली ख़ामेनेई ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए बेहद सख़्त शब्दों में ज़ायोनी शासन को चेताया:
“In the Name of God, the Compassionate, the Merciful”
“बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम”
To the great Iranian nation!
“बज़रग ईरानी कौम के नाम!”
The Zionist regime has committed a crime in our dear country today at dawn with its satanic, bloodstained hands.
“आज सुबह सिय्यूनियत निज़ाम ने हमारे अज़ीज़ मुल्क में अपने शैतानी और खून से रंगे हाथों से एक जुर्म का इर्तिकाब किया है।”
It has revealed its malicious nature even more than before by targeting residential areas.
“इसने रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाकर अपनी ख़बासत और दुश्मनी को पहले से ज़्यादा बेनकाब कर दिया है।”
The [Zionist] regime should anticipate a severe punishment.
“इस सिय्यूनियत निज़ाम को सख़्त सज़ा के लिए तैयार रहना चाहिए।”
By God’s grace, the powerful arm of the Islamic Republic’s Armed Forces won’t let them go unpunished.
“ख़ुदा के फ़ज़्ल से इस्लामी जम्हूरिया ईरान की मुसल्लह अफ़वाज का ताक़तवर हाथ उन्हें बग़ैर सज़ा के नहीं छोड़ेगा।”
In the enemy’s attacks, several commanders and scientists have been martyred.
“दुश्मन के हमलों में कई कमांडर और साइंसदान शहीद हो गए हैं।”
God willing, their successors and colleagues will carry on with their duties without delay.
“इनशा’अल्लाह, उनके जानशीन और साथी अपने फ़र्ज़ को बिना किसी ताख़ीर के निभाते रहेंगे।”
With this crime, the Zionist regime has prepared for itself a bitter, painful fate, which it will definitely see.
“इस जुर्म के ज़रिये सिय्यूनियत निज़ाम ने अपने लिए एक तल्ख़ और दर्दनाक अंजाम तय कर लिया है, जिसे वो ज़रूर देखेगा।”
Sayyid Ali Khamenei
सैय्यद अली ख़ामेनेई
Khordad 23, 1404 / June 13, 2025
23 ख़ुरदाद 1404 हिजरी शम्सी / 13 जून 2025
❝आज की सुबह, जब हमारी क़ौम इबादत में थी, सिय्यूनियों ने अपने खून से रंगे हाथों से हमारी सरज़मीन पर एक बड़ा जुर्म किया है। रिहायशी इलाक़ों को निशाना बनाकर उन्होंने अपनी वहशियत को फिर बेनक़ाब कर दिया है।❞
❝लेकिन उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि अब वे अंजाम से बच नहीं सकते। इस्लामी गणराज्य ईरान की ताक़तवर फौज उन्हें ऐसा सबक सिखाएगी जो सदियों तक याद रहेगा।❞
कई जांबाज़ शहीद — लेकिन हौसले बुलंद
इस हमले में ईरान के कई कमांडर और वैज्ञानिक शहीद हो गए। मगर सैय्यद अली ख़ामेनेई ने भरोसा दिलाया कि:
❝उनके उत्तराधिकारी और साथी अपने मिशन को जारी रखेंगे। एक भी कदम न रुकेगा, न धीमा होगा।❞
इज़राइल और उसके समर्थकों में घबराहट — “ईरान अब खामोश नहीं रहेगा”
ईरान की ओर से मिले इस कड़े और स्पष्ट संदेश के बाद इज़राइल, अमेरिका और उनके समर्थक देशों में खलबली मच गई है। सैन्य बेस हाई अलर्ट पर हैं, मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स को एक्टिव कर दिया गया है। उन्हें पता है — अब ईरान से जवाब ज़रूर आएगा, और ऐसा जवाब आएगा जो इतिहास में दर्ज होगा।
शबे जुमा की शहादत — ईरान की मिट्टी से जन्म लेगा इंतकाम का तूफ़ान
ईरान के शहरों में जनाज़ों के साथ नारों की गूंज है:
“अमेरिका मुर्दाबाद!” “इज़राइल हाय हाय!” “शहीदों का ख़ून रंग लाएगा!”
लोगों ने सड़कों पर उतरकर इस हमले की निंदा की और सरकार से कड़ा जवाब देने की माँग की।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचैनी, मुस्लिम जगत से समर्थन
हमले के बाद मुस्लिम दुनिया के कई नेताओं और संगठनों ने ईरान के साथ एकजुटता ज़ाहिर की है।
लेबनान, सीरिया, यमन, इराक, पाकिस्तान और भारत के कई अज़ादारी संगठन और हक़परस्त आवाम ने इस हमले की सख़्त आलोचना करते हुए कहा:
❝ईरान अकेला नहीं है। सच्चाई के इस मोर्चे पर पूरी उम्मत उसके साथ है।❞
✊ शहीद हो सकते हैं, मगर सर झुका नहीं सकते!
ईरान ने फिर बता दिया — वो सरज़मीन सिर्फ़ गुलाब नहीं, शेरों की धरती है।
अब दुनिया इंतज़ार कर रही है उस “अंजाम” का, जिसका वादा आज सैय्यद अली ख़ामेनेई ने किया है।
अब नज़रे जमी हैं — तेहरान की ज़मीन से उठने वाली उस आग पर, जो ज़ुल्म के हर किले को राख कर देगी।
रिपोर्ट: सैयद रिज़वान मुस्तफा | तहलका इंटरनेशनल डेस्क तेहरान ब्यूरो