सूरज लहुलुहान हर एक शाम देख ले,
ऐ जिंदगी गुरुर का अंजाम देख ले
भारत के खिलाफ अमेरिका की साजिश और उसकी बुरी नजर: गाजा-लेबनान के मासूमों का कत्लेआम और ईरान पर पाबंदी की आह के असर से कैलिफोर्निया में कुदरत का कहर, अमेरिका का चूर हो गया अहंकार
तहलका टुडे डेस्क
आज का अमेरिका, जो कभी अपनी ताकत का डंका पूरी दुनिया में बजाता था, अब प्रकृति के सामने बेबस है। एक ओर कैलिफोर्निया की भयंकर आग, तो दूसरी ओर बर्फ़बारी की चपेट में आधा अमेरिका है। यह घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि किसी भी देश या शक्ति का अहंकार हमेशा विनाश का कारण बनता है। अमेरिका ने गाजा, लेबनान, और ईरान जैसे देशों के खिलाफ अपनी नीतियों से लाखों निर्दोषों की जान ली, और अब कुदरत उसी अहंकार का हिसाब ले रही है।
अमेरिका का भारत और अन्य देशों के मामलों में हस्तक्षेप, उसकी बढ़ती शक्ति और दखलंदाजी ने वैश्विक राजनीति में असंतुलन पैदा किया है। कश्मीर, गाजा, लेबनान और ईरान पर अमेरिका की नीतियों के कारण हुए अनगिनत नुकसान, अब कुदरत की सजा के रूप में सामने आ रहे हैं। कैलिफोर्निया में लगी आग और बर्फ़बारी के प्रकोप के रूप में कुदरत का यह संदेश दिया जा रहा है कि कोई भी ताकतवर देश अगर अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करता है, तो उसे परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
आधा अमेरिका आग की लपटों में, आधा अमेरिका बर्फ की चपेट में: सुपरपावर केवल अल्लाह की ज़ात है, बेशक
आज अमेरिका के खिलाफ कुदरत ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। कैलिफोर्निया की भयंकर आग और उसके साथ ही बर्फ़बारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दुनिया की सबसे बड़ी ताकत, जो अपनी शक्ति का पूरी तरह से इस्तेमाल करती है, वह कभी न कभी अपनी ही नीतियों का शिकार बनती है। यह घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी ताकत केवल अल्लाह की है।
कैलिफोर्निया की आग, जो अब तक लाखों डॉलर का नुकसान कर चुकी है, और बर्फ़बारी, जो अमेरिका के कई हिस्सों को जकड़ चुकी है, ये सभी घटनाएं यह साबित करती हैं कि किसी भी देश की शक्ति उसकी ताकत नहीं, बल्कि उसकी नीति और इंसानियत की समझ पर निर्भर करती है। जब कोई देश दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप करता है, तो वह कुदरत के क्रोध का शिकार बनता है।
अल्लाह की महिमा से बढ़कर कोई ताकत नहीं है।
कुदरत का यह प्रकोप हमें यह सीख देता है कि किसी भी इंसान या देश को अपनी ताकत पर घमंड नहीं करना चाहिए। चाहे वह आग हो, बर्फ हो, या कोई और आपदा, कुदरत की ताकत के सामने सभी इंसानी प्रयास नतमस्तक हो जाते हैं। यह एक संदेश है कि दुनिया की सभी ताकतें एक दिन अल्लाह के सामने सिर झुका देती हैं। हमें समझना होगा कि अल्लाह ही है जो इस पूरी सृष्टि का मालिक है, और वही अपनी मर्जी से दुनिया की घटनाओं को नियंत्रित करता है।
कुदरत के इस संदेश को समझकर, हमें अपनी नीतियों को इंसानियत और न्याय के पक्ष में बनाने की जरूरत है। केवल इस तरह से हम अपनी ताकत का सही इस्तेमाल कर सकते हैं, और कुदरत के प्रकोप से बच सकते हैं।