तहलका टुडे टीम/अली मुस्तफा
दिल्ली :आज का दिन न केवल बच्चों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का दिन था। राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक भव्य समारोह में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 17 बच्चों को उनके असाधारण योगदान और उपलब्धियों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया। ये पुरस्कार सात श्रेणियों में प्रदान किए गए, जिनमें बहादुरी, नवाचार, शिक्षा, समाज सेवा, कला एवं संस्कृति, खेल, और पर्यावरण सुरक्षा शामिल हैं।
राष्ट्रपति का संबोधन : बच्चों पर गर्व और उज्ज्वल भविष्य की कामना
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई दी और कहा कि इन बच्चों की उपलब्धियां पूरे समाज और देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने कहा, “आपने असाधारण कार्य किए हैं, आपकी क्षमताएं असीम हैं और आपके गुण अतुलनीय हैं। आपने देश के बच्चों के लिए एक मिसाल पेश की है।”
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में बच्चों की प्रतिभा को पहचानना और प्रोत्साहित करना हमारी परंपरा का हिस्सा है। उन्होंने इस परंपरा को और मजबूत बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2047 में, जब भारत स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, तब ये पुरस्कार विजेता देश के प्रबुद्ध नागरिक होंगे और विकसित भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे।
वीर बाल दिवस का स्मरण
समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान को भी याद किया। उन्होंने कहा, “देश में आज का दिन वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में उनके साहस, त्याग और धर्म के प्रति निष्ठा का प्रतीक है।”
उदाहरण प्रस्तुत करने वाले विजेता
इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं में कई प्रेरणादायक कहानियां शामिल थीं।
मास्टर अनीश सरकार : कोलकाता के सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी, जिन्होंने विश्व रैंकिंग प्राप्त की और दुनिया में सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बनने की राह पर हैं।
हेमबती नाग : छत्तीसगढ़ की 15 वर्षीय हेमबती, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आती हैं, ने जूडो में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
राष्ट्रपति ने कहा कि इन बच्चों की उपलब्धियां भारत को उन्नति के शिखर पर ले जाएंगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन उपलब्धियों को व्यापक स्तर पर देशवासियों तक पहुंचाने का प्रयास करे।
प्रेरणा और प्रेरित करने वाला समारोह
राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चों की उपलब्धियां न केवल उनके परिवारों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व का विषय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये बच्चे आने वाले समय में देश के गौरवशाली भविष्य का निर्माण करेंगे।
समारोह का समापन राष्ट्रपति के इस संदेश के साथ हुआ : “बच्चों के उज्ज्वल भविष्य में ही भारत का भविष्य छिपा है। मैं सभी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की मंगल-कामना करती हूं।”
यह समारोह न केवल बच्चों की उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि यह भारत के उभरते भविष्य की झलक भी थी। इन युवा प्रतिभाओं ने अपने साहस, मेहनत, और प्रतिबद्धता से यह साबित कर दिया कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है।