आंखों की रौशनी से जिंदगी में उजाला: इमाम खुमैनी फाउंडेशन ट्रस्ट का कारवां पहुंचा रसूलपुर
- सैकड़ों लोगों की आंखों की जांच, 17 मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन होगा नि:शुल्क
तहलका टुडे टीम/सदाचारी लाला उमेश चंद्र श्रीवास्तव,मोहम्मद वसीक
बदोसराय, बाराबंकी – इंसानियत और समाज सेवा की मिसाल पेश करते हुए इमाम खुमैनी फाउंडेशन ट्रस्ट ने अपनी मुहिम “आंखों की रौशनी, जिंदगी में उजाला” के तहत रसूलपुर (पैतृक गांव हाजी वारिस अली शाह) में एक विशाल नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। इस शिविर का उद्देश्य जरूरतमंदों को बेहतर दृष्टि प्रदान कर उनके जीवन को रोशन करना था।
यह चिकित्सा शिविर प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ. रेहान काजमी द्वारा उनके स्वर्गीय पिता डॉ. फाज़िल काजमी और खानदान के बुजुर्ग हाजी वारिस अली शाह रहमतुल्लाह अलैह, इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह, और अलाउद्दीन आला बुजुर्ग की स्मृति में आयोजित किया गया। शिविर का उद्घाटन डॉ. रेहान काजमी की माता श्रीमती शाइस्ता काजमी ने किया।
शिविर में सैकड़ों मरीजों की जांच और निशुल्क उपचार
शिविर में शिफायल हॉस्पिटल लखनऊ और लेप्रोसी मिशन बाराबंकी की विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने सैकड़ों मरीजों की आंखों की जांच की। मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां और चश्मे भी वितरित किए गए। इसके अलावा, मोतियाबिंद से पीड़ित 17 मरीजों के लिए लेप्रोसी मिशन अस्पताल में निशुल्क ऑपरेशन की व्यवस्था की गई।
चिकित्सा सेवा में अग्रणी विशेषज्ञों की भागीदारी
इस नेक पहल में कई वरिष्ठ चिकित्सकों और विशेषज्ञों ने अपनी सेवाएं दीं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल रहे:
✅ डॉ. शारिक (नेत्र रोग विशेषज्ञ)
✅ ऑप्टोमेट्रिस्ट शायबा बानो, सना
✅ असिस्टेंट प्रभात यादव
✅ डॉ. लाइबा खान, डॉ. अफशान अंजुम
✅ मुमताज अहमद, तनवीर हुसैन और जाकिर हुसैन
सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति
इस शिविर में समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने भी भाग लिया और इस मानवता सेवा अभियान की सराहना की। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में प्रमुख थे:
✔ सपा नेता विनोद कुमार यादव
✔ प्रसिद्ध समाजसेवी आदिल काज़मी
✔ डॉ. संतोष सिंह
✔ बदोसराय ग्राम प्रधान निसार मेहंदी
✔ जुलेफी मियां, फैज़ी मियां, सलमान अंसारी
✔ हाजी जुबेर खान, राहिल काज़मी, असद काज़मी
✔ सोहन लाल, राम मिलन यादव
✔ मोहम्मद आवेश (बीडीसी), अकबर अली और रिंकू मौर्या
समाजसेवा के लिए सराहना और भविष्य की उम्मीदें
इस आयोजन की सफलता पर डॉ. रेहान काजमी और उनकी टीम को स्थानीय जनता ने दिल से सराहा। लोगों ने इस तरह के और भी शिविरों की आवश्यकता जताई ताकि जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधाएं सहजता से उपलब्ध हो सकें।
इंसानियत की सेवा में एक और कदम
इमामे ज़माना फाउंडेशन और इमाम खुमैनी फाउंडेशन ट्रस्ट किंतूर के इस प्रयास ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाजसेवा और इंसानियत का जज़्बा साथ हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। हाजी वारिस अली शाह की सरज़मीं पर फैली इस इंसानियत की रोशनी न केवल आंखों को उजाला देगी, बल्कि समाज में सेवा और समर्पण की नई मिसाल कायम करेगी।
“जो रब है वही राम है” की गूंज देने वाली इस पवित्र भूमि पर यह आयोजन केवल एक चिकित्सा शिविर नहीं, बल्कि इंसानियत और भाईचारे का पैग़ाम था।