मुंबई, 2024: भारत और ब्राज़ील के द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, अयोध्या के लाल एमक्यू सैयद की कंपनी एक्सिकॉन इवेंट्स मीडिया सॉल्यूशंस लिमिटेड ने अपने मुख्यालय में ब्राज़ील के राज्य रियो ग्रांडे डो सुल के एक प्रतिष्ठित सरकारी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। यह प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व रियो ग्रांडे डो सुल के राज्यपाल गेब्रियल विएरा डी सूज़ा ने किया, भारत-ब्राज़ील के व्यापारिक संबंधों में नई संभावनाओं को तलाशने और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आया था।
राज्यपाल डी सूज़ा के साथ इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल थे, जिनमें आर्थिक विकास, विदेशी व्यापार, कृषि, पशुपालन, सतत उत्पादन और हरित ऊर्जा विभाग के प्रमुख निदेशक और सचिव भी थे। कुल 20 प्रमुख नेताओं से सुसज्जित इस प्रतिनिधिमंडल में उन उद्योगों के विशेषज्ञ शामिल थे, जो भारत और ब्राज़ील दोनों के लिए विकास के महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जैसे कि कृषि व्यवसाय, कृषि तकनीक, कृषि मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी, खनन, और हरित ऊर्जा।
ऐतिहासिक भारत-ब्राजील व्यापार संबंध
भारत और ब्राज़ील के बीच पिछले कुछ दशकों में व्यापारिक संबंध निरंतर बढ़े हैं। भारत और ब्राज़ील ने खाद्य पदार्थ, ऊर्जा और कृषि उत्पादों के क्षेत्र में एक मजबूत साझेदारी बनाई है। ब्राज़ील ने भारत को मुख्य रूप से सोयाबीन, मक्का, और चीनी का निर्यात किया है, जो भारत के खाद्य उद्योग और पशुपालन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वहीं भारत ने ब्राज़ील को विभिन्न मशीनरी, आईटी उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, और ऑटोमोबाइल पार्ट्स का निर्यात किया है, जो ब्राज़ील की अर्थव्यवस्था में सहयोग का एक महत्वपूर्ण आधार है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में हरित ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा और जैव ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग के बड़े अवसर हैं। इसके अलावा, खनन और कृषि प्रौद्योगिकी में साझेदारी की संभावना भी दिखाई दे रही है, क्योंकि दोनों देशों के पास इन क्षेत्रों में विकसित तकनीक और विशेषज्ञता है।
एक्सिकॉन: द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने में अहम भूमिका
एक्सिकॉन, जो वर्षों से ब्राज़ील में भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडलों को सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करता आ रहा है, ने इस बार ब्राज़ील के प्रतिनिधिमंडल की मेज़बानी कर यह दर्शाया कि वह भारत-ब्राज़ील व्यापारिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक्सिकॉन की निदेशक पद्मा मिश्रा ने इस अवसर पर कहा, “ब्राज़ीलियाई प्रतिनिधिमंडल की मेज़बानी करना हमारे लिए एक बड़े सम्मान की बात है। इस बैठक में जो विचार और विचारधारा का आदान-प्रदान हुआ, वह दोनों देशों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है।”
इस बैठक के दौरान, भारतीय और ब्राज़ीलियाई प्रतिनिधियों ने संयुक्त उपक्रम, तकनीकी आदान-प्रदान, और निवेश के अवसरों पर विशेष ध्यान दिया। कृषि और कृषि तकनीक के क्षेत्र में भारत और ब्राज़ील दोनों के पास उन्नत तकनीक और नवाचार हैं, जो एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। हरित ऊर्जा में भी ब्राज़ील की विशेषज्ञता और भारत का बढ़ता नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग, एक संतुलित साझेदारी को जन्म दे सकता है।
जनवरी 2025 में ब्राजील दौरा: साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता
बैठक के समापन पर, राज्यपाल विएरा डी सूज़ा ने एक्सिकॉन की टीम को जनवरी 2025 में ब्राज़ील आने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच हुई वार्ताओं को आगे बढ़ाना और ठोस योजनाओं को अमल में लाना होगा। ब्राज़ील की सरकार ने भारत के साथ विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त निवेश, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, और व्यापारिक विस्तार की संभावनाओं को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
भविष्य की संभावनाएं
भारत और ब्राज़ील के व्यापारिक संबंधों का यह नया अध्याय दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। एक्सिकॉन के नेतृत्व में भारतीय कंपनियां ब्राज़ील के कृषि, खनन, हरित ऊर्जा, और तकनीकी क्षेत्रों में नए अवसर तलाश सकती हैं। इसके साथ ही, ब्राज़ील की कंपनियां भारतीय आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में निवेश कर सकती हैं।
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अयोध्या के लाल एमक्यू सैयद और उनकी कंपनी एक्सिकॉन की इस पहल से भारत और ब्राज़ील के द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा मिली है, जो दोनों देशों की विकास यात्रा में सहायक होगी।