ईरान पर अमेरिकी हमले को लेकर फर्जी दावे की खबर पर ट्रंप बौखलाए, “फेक न्यूज़”, “धोखेबाज़” और पत्रकारों को “बीमार और घटिया लोग” तक कह दिया। उन्होंने नताशा बर्ट्रेंड को “कुत्ते की तरह निकालने” की मांग करते हुए CNN पर सीधा दबाव बनाया — CNN बोला: “हम 100% अपने पत्रकार के साथ हैं” मचा हड़कंप,प्रेस फाउंडेशन ट्रस्ट ने की ट्रंप की निंदा

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तहलका टुडे टीम
ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमलों को लेकर ट्रंप के दावे उस वक़्त झूठे साबित हो गए जब CNN की पत्रकार नताशा बर्ट्रेंड और उनकी टीम ने एक लीक हुई पेंटागन रिपोर्ट के आधार पर सच्चाई उजागर कर दी। रिपोर्ट में स्पष्ट था कि ईरान के नतांज, फोर्दो और इस्फहान जैसे प्रमुख न्यूक्लियर केंद्रों को बहुत मामूली नुकसान हुआ और ईरान का संवर्धित यूरेनियम भंडार अभी भी सुरक्षित है।

इस खुलासे के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया (Truth Social) पर भड़कते हुए एक के बाद एक तीन ट्वीट किए और CNN व न्यूयॉर्क टाइम्स को “फेक न्यूज़”, “धोखेबाज़” और पत्रकारों को “बीमार और घटिया लोग” तक कह दिया। उन्होंने नताशा बर्ट्रेंड को “कुत्ते की तरह निकालने” की मांग करते हुए CNN पर सीधा दबाव बनाया।

ट्रंप के ट्वीट्स का सारांश हिंदी में:

🧨 पहला ट्वीट:
“हमने न्यूयॉर्क टाइम्स और CNN को फिर से झूठ और धोखे के साथ पकड़ा। उन्होंने हमारे B-2 पायलट्स के शानदार काम को बदनाम करने की कोशिश की। ये रिपोर्टर बीमार और घटिया लोग हैं, जो अमेरिका को हर हाल में बदनाम करना चाहते हैं।”

🧨 दूसरा ट्वीट:
“CNN और फेल हो चुका न्यूयॉर्क टाइम्स मिलकर इतिहास के सबसे सफल सैन्य हमले को नीचा दिखाने की साजिश कर रहे हैं। ईरान के न्यूक्लियर ठिकाने पूरी तरह तबाह हैं — और अब जनता ही इन चैनलों को लताड़ रही है।”

🧨 तीसरा ट्वीट (नताशा पर हमला):
“नताशा बर्ट्रेंड को CNN से तुरंत निकाल देना चाहिए! उसने ‘लैपटॉप फ्रॉम हेल’ और अब न्यूक्लियर साइट्स पर झूठी रिपोर्टिंग की है। हमारे बहादुर पायलटों को बदनाम किया। वो कैमरे पर दिखने लायक भी नहीं है। CNN की साख इसी तरह के रिपोर्टरों ने बर्बाद की है।”


CNN का जवाब:

CNN ने ट्रंप की धमकी भरे बयानों पर स्पष्ट और दृढ़ रुख अपनाया और कहा:

“हम नताशा बर्ट्रेंड और उनके सहकर्मियों की रिपोर्टिंग के साथ 100% खड़े हैं। यह रिपोर्ट सार्वजनिक हित में थी और हमने ट्रंप के बयानों को भी कवर किया।”

नताशा की रिपोर्ट उनके साथियों केटी बो लिलिस और ज़ाचरी कोहेन के साथ मिलकर तैयार की गई थी। रिपोर्ट में अमेरिका की अपनी ही सैन्य खुफिया एजेंसी DIA (डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी) के आंकड़ों का हवाला दिया गया था, जिसमें ट्रंप के दावे “पूर्ण तबाही” को पूरी तरह गलत बताया गया।


ट्रंप की तानाशाही और महिला पत्रकार पर व्यक्तिगत हमला:

डोनाल्ड ट्रंप का यह रवैया न केवल एक महिला पत्रकार पर सीधा हमला है, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को भी चोट पहुंचाता है। पत्रकारिता जगत में इस बयान की कड़ी आलोचना हो रही है।

प्रेस फाउंडेशन ट्रस्ट इंडिया सहित अनेक संस्थाओं ने CNN की टीम को सलाम पेश किया और ट्रंप के बर्ताव की घोर निंदा की है।

“जब एक पत्रकार से सत्ता डरने लगे, समझो सच्चाई ने चोट सही जगह की है।”

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