“दुख की घड़ी में हमसाया बनी टीएससीटी : शिक्षकों के परिवारों का सहारा बनी टीम को अरविंद सिंह गोप ने किया सम्मानित”

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तहलका टुडे टीम/सैयद अली मुस्तफा

बाराबंकी, शिक्षक समाज के लिए यह गर्व और भावुकता से भरा पल रहा जब टीचर्स सेल्फ केयर टीम (TSCT) उत्तर प्रदेश की सेवा भावना को पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अरविंद कुमार सिंह गोप ने सार्वजनिक रूप से सराहा और उन्हें सिविल लाइंस स्थित अपने आवास पर सम्मानित किया।

टीएससीटी के पदाधिकारियों ने मंत्री से मुलाकात कर उन्हें गुलदस्ता भेंट किया, जिसके बाद अरविंद सिंह गोप ने सभी सदस्यों को माला पहनाकर, अंगवस्त्र भेंट कर उनका उत्साहवर्धन किया और कहा – “आप सभी ईश्वर की ओर से भेजे गए वो फरिश्ते हो जो दुख की घड़ी में बेसहारा परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बनते हो।”

शिक्षक – जो जीवनभर ज्ञान की रोशनी बांटते हैं – जब अचानक काल के गाल में समा जाते हैं, तब उनके परिवारों पर जो विपत्ति टूटती है, उसे टीएससीटी जैसे संगठन ही संभालते हैं।

टीएससीटी का यह अभिनव प्रयास न केवल आर्थिक सहायता देना है, बल्कि शिक्षक परिवारों को यह एहसास कराना है कि वे अकेले नहीं हैं। जून 2024 तक, टीम ने पूरे उत्तर प्रदेश में:

186 दिवंगत शिक्षकों के परिवारों को करीब ₹63 करोड़ की सहायता दी।

61 दुर्घटनाग्रस्त शिक्षकों को इलाज हेतु ₹20.25 लाख की मदद पहुंचाई।

यह सब मात्र ₹16 मासिक सदस्यता के माध्यम से संभव हुआ है, जिसमें बेसिक, माध्यमिक शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, क्लर्क, खंड शिक्षा अधिकारी तक शामिल हैं।

हर वह शिक्षक जो कर्तव्य की वेदी पर प्राण न्यौछावर करता है, उसका परिवार इस टीम के सहारे संबल पाता है।

अरविंद सिंह गोप ने कहा, “यह टीम न केवल सेवा कर रही है, बल्कि शिक्षक समाज के भीतर आत्मबल भरने का कार्य भी कर रही है। जो काम सरकारों को करना चाहिए, वह आप लोग कर रहे हैं—यह प्रशंसनीय ही नहीं, प्रेरणादायक भी है।” उन्होंने हर प्रकार के सहयोग का भरोसा भी दिलाया।

टीएससीटी की यह निःस्वार्थ सेवा आज हजारों परिवारों की आंखों के आँसू पोछ रही है। यह टीम समाज के उस सच्चे किरदार को सामने लाती है जहाँ मानवता, संवेदना, और कर्तव्यबोध सर्वोपरि हैं।

कभी कक्षा में खड़ा होकर बच्चों का भविष्य गढ़ने वाले शिक्षक आज अगर संकट में हैं, तो TSCT उनके परिवारों का अभिभावक बनकर सामने खड़ी है – यही है असली श्रद्धांजलि।

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