तहलका टुडे टीम
दिल्ली में वक्फ संपत्ति की सुरक्षा और उसके संरक्षण पर एक ऐतिहासिक पहल के तहत संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने 4 और 5 नवंबर को एक व्यापक चर्चा का आयोजन किया है। वक्फ संशोधन विधेयक पर गंभीर विचार-विमर्श के लिए समिति ने विभिन्न समुदायों, इस्लामिक विद्वानों, बुद्धिजीवियों और समाज के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है। समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने बताया कि इसका उद्देश्य विधेयक पर सभी संबंधित पक्षों के विचार सुनना और उन्हें चर्चा में शामिल करना है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के मार्गदर्शन में, इस बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिंद, दाऊदी बोहरा समुदाय, महिला बुद्धिजीवियों और अन्य अल्पसंख्यक संगठनों को भी आमंत्रित किया गया है, ताकि विविध दृष्टिकोणों के साथ इस महत्वपूर्ण विधेयक को और अधिक समावेशी बनाया जा सके।
वक्फ संपत्तियों की स्थिति और मौजूदा चुनौतियाँ: वक्फ संपत्तियाँ, जो धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए ईश्वर के नाम पर सुरक्षित की गई हैं, आज के समय में भू-माफिया और कुछ भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों के लालच का शिकार हो रही हैं। इन संपत्तियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कई संगठन और आंदोलनों ने आवाज़ उठाई है, जिसमें सेव वक्फ इंडिया मिशन प्रमुख है। इस मिशन के तहत, वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए कड़े कानून की माँग की जा रही है, ताकि ईश्वर के नाम की संपत्ति का दुरुपयोग रोकने के लिए एक सख्त प्रणाली बनाई जा सके।
सेव वक्फ इंडिया का पैगाम और मैसेज: सेव वक्फ इंडिया का यह पैगाम है कि वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोकने के लिए सिर्फ मुस्लिम समाज ही नहीं, बल्कि सभी समुदायों को साथ आकर इस मिशन को सफल बनाना होगा। वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे और गबन के मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। सेव वक्फ इंडिया ने यह मांग की है कि जो भी व्यक्ति या संस्था वक्फ संपत्ति पर अवैध कब्जा करती है, उसे कड़ी सजा दी जाए, और इन संपत्तियों का उपयोग केवल उनके मूल उद्देश्य के लिए किया जाए।
संयुक्त संसदीय समिति की बैठक का महत्व: जेपीसी द्वारा आयोजित यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें पहली बार विभिन्न संगठनों और समुदायों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर उनके विचारों को सुना जा रहा है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद, दाऊदी बोहरा समुदाय, महिला बुद्धिजीवियों और अन्य अल्पसंख्यक संगठनों की उपस्थिति में विधेयक को और सशक्त और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
कठोर कानून और सजाओं की माँग: सेव वक्फ इंडिया ने इस विधेयक में यह सुझाव दिया है कि वक्फ संपत्ति पर अवैध कब्जा और दुरुपयोग करने वालों को आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए। इसके साथ ही, जो लोग इन संपत्तियों पर किराया नहीं दे रहे हैं और अवैध निर्माण कर रहे हैं, उनके खिलाफ बुलडोजर चलाया जाए और सर्किल रेट के आधार पर किराया तय किया जाए। इस कानून के माध्यम से वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही समाज में यह संदेश जाएगा कि कोई भी संपत्ति, जो ईश्वर के नाम पर है, किसी भी तरह के लालच या अधर्म का शिकार नहीं हो सकती।
वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए, संयुक्त संसदीय समिति द्वारा आयोजित यह चर्चा एक महत्वपूर्ण कदम है। सेव वक्फ इंडिया का संदेश है कि ईश्वर के नाम पर की गई संपत्ति की रक्षा और संरक्षण करना हम सभी का कर्तव्य है। यदि संसद में एक सख्त कानून पारित होता है, तो इससे केवल संपत्ति की रक्षा ही नहीं होगी, बल्कि समाज में नैतिकता, ईमानदारी और न्याय का भी एक मजबूत संदेश जाएगा। वक्फ संपत्तियों के असली उद्देश्य को संरक्षित कर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और न्यायसंगत समाज का निर्माण कर सकते हैं।