ईश्वर की संपत्तियों की रक्षा करें ईश्वर को मानने वाले: वक्फ खोरों के इशारों पर न चले जेपीसी, औक़ाफ़ की जमीनों से अवैध कब्जे हटाए सरकार, बिकाऊ मीडिया ट्रायल पर लगे रोक – सेव वक्फ इंडिया की केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग
तहलका टुडे डेस्क
लखनऊ: सेव वक्फ इंडिया ने केंद्र और प्रदेश सरकार से वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने और वक्फ खोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने सरकार को चेताते हुए कहा है कि वक्फ खोरों और भू-माफियाओं के इशारों पर अगर जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (जेपीसी) काम करती है, तो यह समुदाय और देश के लिए एक बड़ा धोखा होगा। इसके साथ ही उन्होंने औक़ाफ़ की जमीनों से अवैध कब्जे हटाने और बिकाऊ मीडिया ट्रायल को तत्काल रोकने की भी मांग की है।
औक़ाफ़ की जमीनों पर बढ़ते अवैध कब्जे चिंता का विषय
सेव वक्फ इंडिया के प्रवक्ता मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी ने वक्फ संपत्तियों पर हो रहे अवैध कब्जों और भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियां ईश्वर की धरोहर हैं, और उनका दुरुपयोग करना न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह धार्मिक आस्था पर भी गहरा आघात है।
उन्होंने कहा, “जो लोग ईश्वर को मानते हैं, उन्हें ईश्वर की संपत्तियों की रक्षा करनी चाहिए। लेकिन दुख की बात है कि कुछ भ्रष्ट तत्व वक्फ बोर्डों के भीतर ही वक्फ संपत्तियों को बेचने और भू-माफियाओं को सौंपने का काम कर रहे हैं। इन लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है।”
भ्रष्टाचार और वक्फ खोरों पर मौलाना का बड़ा बयान
मौलाना इंकलाबी ने सुन्नी वक्फ बोर्डों में फैले भ्रष्टाचार को लेकर सरकार और प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “वक्फ खोरों और भू-माफियाओं का गठजोड़ इतना मजबूत है कि स्थानीय स्तर पर शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। कई बार मामले कोर्ट तक पहुंचते हैं, लेकिन वक्फ बोर्ड खुद ही भू-माफियाओं के पक्ष में रिपोर्ट बनाकर अदालत को गुमराह कर देता है।”
उन्होंने खुलासा किया कि एक लाख रुपए में कोतवाली, एक लाख तहसील, और एक लाख सुन्नी वक्फ बोर्ड को रिश्वत देकर करोड़ों की जमीन का सौदा हो जाता है। इन घोटालों में शामिल नेता, सांसद और विधायक भी भू-माफियाओं का साथ देते हैं और संसद और विधानसभा में उनके फेवर में खड़े होते हैं।
बिकाऊ मीडिया और जेपीसी पर सवाल
मौलाना इंकलाबी ने बिकाऊ मीडिया पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ चैनल अफवाहें फैलाकर समुदाय को भड़काने और माहौल खराब करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह मीडिया ट्रायल न केवल झूठी खबरें फैला रहा है, बल्कि इससे समाज में तनाव भी पैदा हो रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसे चैनलों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
साथ ही, उन्होंने जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (जेपीसी) से आग्रह किया कि वक्फ खोरों और भू-माफियाओं के इशारों पर काम न करे। उन्होंने कहा, “जेपीसी का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की रक्षा करना है, न कि उनके दुरुपयोग को बढ़ावा देना। अगर जेपीसी ने वक्फ खोरों के पक्ष में कोई कदम उठाया, तो यह न केवल समुदाय के साथ बल्कि ईश्वर के साथ भी विश्वासघात होगा।”
सीबीआई जांच और वक्फ घोटालों पर सरकार की निष्क्रियता
मौलाना इंकलाबी ने कहा कि वक्फ घोटालों पर यूपी में सीबीआई जांच के आदेश पहली बार देखे गए, लेकिन यह जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने न केवल भ्रष्टाचारियों को खुला छोड़ दिया बल्कि उनके माध्यम से कुरान और नामूस-ए-रसूल की तौहीन भी करवाई।
उन्होंने यह भी बताया कि वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों की तनख्वाह सरकार द्वारा नहीं दी जाती, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनकी कमाई का मुख्य स्रोत भ्रष्टाचार ही है।
धारा 52 और 54 की कार्यवाही को जानबूझकर लंबित रखना, अतिक्रमणकारियों को छूट देकर मोटी रकम वसूलना, और अवैध कब्जे की शिकायतों को दबाना वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों की आम प्रथा बन चुकी है।
अवैध कब्जों को हटाने और पारदर्शिता लाने की मांग
सेव वक्फ इंडिया ने सरकार से मांग की कि वक्फ संपत्तियों से अवैध कब्जों को तुरंत हटाया जाए और वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
सेव वक्फ इंडिया का केंद्र और प्रदेश सरकार से अपील
मौलाना इंकलाबी ने केंद्र और प्रदेश सरकार से अपील की कि वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, “वक्फ संपत्तियों की रक्षा करना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी भी है। ईश्वर को मानने वाले सभी लोगों को आगे आकर इन संपत्तियों की रक्षा करनी चाहिए।”
साथ ही, उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर इन मुद्दों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह विवाद और बढ़ सकता है और इसका असर समाज पर गहरा पड़ेगा।
वक्फ संपत्तियों पर बढ़ता भ्रष्टाचार और अवैध कब्जे एक गंभीर समस्या बन चुके हैं। सेव वक्फ इंडिया ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी है और सरकार से पारदर्शिता और सख्ती की मांग की है। अब यह देखने की बात है कि सरकार इन मांगों पर क्या कदम उठाती है और समुदाय की भावनाओं का सम्मान करती है या नहीं।