“भारत की इंसानियत और एकता का प्रतीक: लखनऊ में शहीदों की याद में ब्लड डोनेशन कैंप, गरीब मरीजों को मिला नया जीवन”

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तहलका टुडे टीम


लखनऊ: मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए, लखनऊ में एक ऐतिहासिक ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया। यह आयोजन भारत के लोगों की अकीदत और वतन के प्रति उनके सम्मान का प्रतीक बन गया। हिजबुल्लाह के चीफ सैयद हसन नसरुल्लाह और शोहदा-ए-गाजा सहित लेबनान के अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि स्वरूप यह कैंप लखनऊ के हुसैनाबाद स्थित बड़ा इमामबाड़ा में आयोजित हुआ।

इस मेगा ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन यूफोरियल यूथ सोसाइटी द्वारा किया गया, जिसे भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी मजलिस-ए-उलमाए हिंद के सचिव और आफताब-ए-शरीयत मौलाना डॉ. कल्बे जव्वाद नकवी साहब और इमामे जुमा मौलाना सैयद रजा हैदर जैदी का समर्थन प्राप्त था। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद मरीजों को जीवनदान देना और समाज में मानवता की सेवा का संदेश फैलाना था। मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने इस मौके पर कहा, “जरूरतमंदों को रक्तदान करना पुण्य है, और शहीदों की याद में रक्तदान करना इसका दर्जा और भी ऊंचा कर देता है। कर्बला के संदेश को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘हुसैनी खून लेता नहीं, खून देता है।'”

इस आयोजन ने न केवल गरीब मरीजों को रक्त की कमी से निजात दिलाई, बल्कि समाज में एक नई सोच को जन्म दिया कि कैसे हर व्यक्ति जरूरत के वक्त अपना योगदान देकर दूसरों की जान बचा सकता है।

कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख व्यक्ति
इस ऐतिहासिक आयोजन में समाज के विभिन्न तबकों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिनमें से प्रमुख नाम हैं: संस्थापक देवेश जैसवाल, सिटी वाइस प्रेसिडेंट मेहदिया रिजवी, सुब्हान, नजमुल हसन, मौलाना फ़रज़ान, दरख़्शां साहिबा, एडवोकेट जुबी जैदी, साहिल कुमार मोहम्मद अब्बास, ग़ुलाम वासिल, शुभम कुमार, हसन रज़ा, क़म्बर वसी, शाज़िया वसी, रेहान रिजवी, मोहम्मद सादिक, डॉ. फैज़ुल, गुड्डू भाई, अमन सुल्तानपुरी, मौलाना हैदर अब्बास, फ़ैज़ान वारसी साहब, और मौलाना क़मरुल साहब। इन सभी ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए रक्तदान किया और इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया।

भारत की एकता और इंसानियत का संदेश
लखनऊ में आयोजित यह ब्लड डोनेशन कैंप न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का माध्यम था, बल्कि यह भारत की एकता और भाईचारे का प्रतीक भी बना। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की भलाई की शिक्षा से प्रेरणा लेते हुए, यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस विचार का समर्थन करता है, जिसमें हर नागरिक को एकता, सेवा, और परोपकार का महत्व समझने की प्रेरणा दी जाती है।

समाज के लिए एक नया इतिहास
इस ऐतिहासिक आयोजन ने भारत में एक मिसाल कायम की है कि कैसे हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इंसानियत की सेवा में भागीदार बन सकता है। रक्तदान महादान का यह संदेश अब भारत के कोने-कोने में फैल चुका है, और इससे प्रभावित होकर कई और लोग जरूरत के समय में दूसरों की मदद के लिए आगे आएंगे।

इस प्रकार, यह ब्लड डोनेशन कैंप भारत की मानवता की गहरी जड़ों, देश के लिए सम्मान, और समाज के प्रति अपने कर्तव्य का प्रतीक बन गया।

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