भ्रष्टाचार पर तानाशाही भारी: जेई करवाए अवैध निर्माण, एलडीए के वीसी ने करवाया सील, रिश्वत खोर जेई को नहीं किया सस्पेंड, लखनऊ विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों की भ्रष्ट कार्यशैली से आवाम हलाकान

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तहलका टुडे टीम

लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने शहर में अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए कई इमारतों और प्लॉटिंग को सील कर दिया है। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि इन अवैध निर्माणों के लिए जिम्मेदार जूनियर इंजीनियर (जेई) पर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई? भ्रष्टाचार के इस खेल में जहां निर्माण कराने वाले बच जाते हैं, वहीं प्राधिकरण कार्रवाई केवल अवैध निर्माण पर ही सीमित रह जाती है।

जेई की भूमिका पर उठे सवाल

वजीरगंज, ठाकुरगंज और बीकेटी में हुई कार्रवाई से यह साफ है कि अवैध निर्माण और प्लॉटिंग का खेल स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण कार्यों में प्राधिकरण के जूनियर इंजीनियर (जेई) की सीधी भूमिका होती है। लेकिन एलडीए ने जेई पर कार्रवाई करने के बजाय उन निर्माणों को ही सील कर दिया, जिन्हें इन्हीं अधिकारियों ने बढ़ावा दिया था।

अवैध निर्माण पर कार्रवाई, लेकिन जिम्मेदार बच निकले

प्रवर्तन जोन-6 और जोन-7 में अवैध निर्माण को लेकर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई। ठाकुरगंज में सज्जाद रिज़वी और अन्य द्वारा किए गए अवैध चार मंजिला निर्माण और वजीरगंज में छह आवासीय भवनों को सील किया गया। इसी तरह बीकेटी में चंद्रिका देवी रोड पर 8 बीघा क्षेत्रफल में प्लॉटिंग को ध्वस्त कर दिया गया। लेकिन इन निर्माणों के दौरान जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया।

जनता की मांग : जेई पर भी हो कार्रवाई

स्थानीय निवासियों और विशेषज्ञों का कहना है कि प्राधिकरण की यह कार्रवाई आधी-अधूरी है। जब तक इन अवैध निर्माणों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना मुश्किल है।

क्या कहता है एलडीए?

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने कहा कि अवैध निर्माणों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। हालांकि, जेई की भूमिका पर पूछे गए सवालों पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

भ्रष्टाचार पर कार्रवाई कब?

यह पहली बार नहीं है जब एलडीए के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। हर बार निर्माण ध्वस्त या सील कर दिया जाता है, लेकिन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय नहीं की जाती। सवाल यह है कि क्या एलडीए में भ्रष्टाचार के इस चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे? या फिर यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा?

जनता अब न्याय और पारदर्शिता की उम्मीद कर रही है। अगर प्राधिकरण सही मायनों में अवैध निर्माण रोकना चाहता है, तो सबसे पहले उसे अपने घर को दुरुस्त करना होगा।

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